पिछले वर्ष मार्च में गौलापार हल्द्वानी निवासी बलकार सिंह ने उनके नाम से फर्जी तरीके से शराब की दुकान लेने और उनके फर्जी हस्ताक्षरों से उच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं लगाने की शिकायत थाना हल्द्वानी में की थी। मामला पिथौरागढ़ से जुड़ा होने के कारण तब हल्द्वानी थाना ने जीरो एफआईआर थाना कोतवाली पिथौरागढ़ को भेज दी थी।
इस मामले में थाना कोतवाली पिथौरागढ़ में धारा 420 में दर्ज प्रथिमिकी संख्या 26/2021 में सतीश कॉलोनी कालाढूंगी रोड हल्द्वानी निवासी नवनीत अग्रवाल आरोपी है। बाद में जांच के उपरांत थाना कोतवाली पिथौरागढ़ द्वारा इसमें धारा 467, 468 और 471 और बढ़ा दी गई। अपने राजनैतिक प्रभाव और धनबल का इस्तेमाल करके आरोपी ने मामले को चंपावत स्थानांतरित करवा लिया और चंपावत पुलिस ने 10 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। दिनांक 23 मई 2022 को चंपावत जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती कहकशा खान ने आरोपी द्वारा जांच में सहयोग न करने को आधार मानते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी अपने 14 सितंबर को अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए है।
नवनीत अग्रवाल विवादित शराब कारोबारी है जिन पर सितंबर 2020 में पड़े छापों में 19 करोड़ से ज्यादा का वैट चुराने का मामला पकड़ में आया था और आबकारी विभाग की संस्तुति पर सेस घोटाले उन पर अलग अलग जिलों में धोखाधड़ी की धाराओं में चार अन्य एफआईआर भी दर्ज हुई थी। बाद में आरोपी की मुख्यमंत्री से कथित नजदीकी के चलते किसी भी मामले में कोई ठोस कार्यवाही नही हुई।
अब चंपावत और नैनीताल उच्च न्यायालय से आरोपी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद यह देखना होगा की पुलिस कोई कार्यवाही करती है या राजनैतिक दबाव के चलते लीपापोती करती है और मुख्यमंत्री श्पुष्कर सिंह धामी से आरोपी की कथित नजदीकी के चलते मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।
आरोपी की भूतपूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ नजदीकियों कारण पहले भी सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है। अब पुष्कर सिंह धामी के साथ विवादित कारोबारी की तस्वीरें होने से धामी की साफ सुथरी छवि को भी धक्का लगना स्वाभाविक है।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को इस व्यापारी की करतूतों की पूरी जानकारी नहीं है। स्वागत समारोहों इत्यादि में मुख्यमंत्री के साथ ली गई तस्वीरों को दिखाकर ये घोटालेबाज अधिकारियों के ऊपर रौब कायम करता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रविवार 18 सितंबर को भी जब चंपावत पुलिस की टीम हल्द्वानी पुलिस के साथ गैर जमानती वारंट को लेकर आरोपी के घर और हल्द्वानी फॉक्सवैगन शोरूम पर पहुंची तो उसने रौब कायम करते हुए पुलिस टीम के साथ जाने से इंकार कर दिया और पुलिस के उच्च अधिकारियों से बात करके पुलिस टीम को बैरंग लौटा दिया।
न्यायालय द्वारा गैर जमानती वॉरंट जारी होने के बाद भी फर्जी शराब लाइसेंसी घोटाले के इस आरोपी पर कार्यवाही न होना और पुलिस टीम का खाली हाथ वापस जाना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।