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बर्खास्त कार्मिकों के समर्थन में बोले पांडे:अवैध नियुक्ति करने वाले आज भी खा रहे सत्ता की मलाई

in उत्तराखंड
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देहरादून 15 मार्च| उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कार्मिकों के समर्थन में उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे बुधवार को 48 घंटे के उपवास करते हुए धरने पर बैठे हैं।

 रमेश चंद्र पांडे विशेष तौर पर हल्द्वानी से कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए देहरादून पहुंचे हैं। इसके साथ ही विधानसभा से बर्खास्त महिला कार्मिक कविता फर्त्याल व सरस्वती कठैत भी 48 घंटे के उपवास पर बैठी हैं। 

धरना स्थल पर संकल्प स्वरूप एक दीप भी जलाया गया, जो उपवास जारी रहने तक अखंड रूप से जलता रहेगा।

उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि कोटिया कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार जब विधानसभा में राज्य निर्माण के उपरांत 22 सालों तक हुई भर्तियों की जांच में अवैध पाई गई सभी 396 नियुक्तियों में से 168 कर्मचारियों को विधानसभा के अंदर रखना तथा शेष 228 कर्मचारियों को बाहर करने की कारवाई सवालों के घेरे में है। 

विधानसभा जैसी सर्वोच्च पीठ में, जहां नियम और कानून बनते हैं वहां इस तरह की भेदभावपूर्ण कार्रवाई करना तथा  संवैधानिक व्यवस्थाओं की अनदेखी करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। 

रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों के मामले की उन्होंने गहन समीक्षा की है, मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, कोर्ट से संबंधित प्रक्रिया पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं है लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि  न्यायालय से इन कर्मचारियों को न्याय अवश्य मिलेगा। 

रमेश चंद्र पांडे ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि यह नियुक्तियां अवैध है तो इसमें कहीं से भी कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है, यदि दोष है तो उन लोगों का है जिन्होंने इन्हें नियुक्त किया। अवैध कृत्य करने वाले आज सत्ता में बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए हैं और गरीब कर्मचारियों को मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया गया है। विधानसभा की जिन अवैध नियुक्तियों को लेकर राज्य में भूचाल आया है, अगर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण  में यदि दूध का दूध और पानी का पानी करने का साहस है तो उन नियुक्तियों को करने के लिए जो लोग असली दोषी हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए।

इस बीच कार्मिकों ने धरना स्थल पर जन गीत गाकर विधानसभा सचिवालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए जल्द उन्हें बहाल करने की मांग की। 

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उपवास पर बैठी महिला कार्मिक कविता फर्त्याल और सरस्वती कठैत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बार-बार कोटिया कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कह रही हैं की 2001 से लेकर 2015 के बीच नियुक्त कार्मिकों का तथा 2016 के उपरांत नियुक्त कार्मिकों का मामला बिल्कुल अलग है, जबकि सच यह है कि कोटिया कमेटी ने 2001 से 2022 तक की सभी नियुक्तियों को एक समान माना है। इस अवसर पर बर्खास्त कार्मिक शिवचरण डबराल, कपिल धोनी, अजीत मेहता भगवती सानी, दीप्ति पंत, अमित रावल, मुकेश पंत मौजूद थे।

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