56 हजार करोड के कर्ज तले दबी त्रिवेन्द्र सरकार
– प्रति वर्ष 4-4.50 हजार करोड़ बहाया जा रहा ब्याज चुकाने में
– प्रदेश की जनता विकास की आस में तोड़ रही दम
विकासनगर। सरकार द्वारा लिए गए समस्त ऋण का महायोग वर्ष 2019-20 तक 49,847 करोड रुपए था, जोकि एक-डेढ़ माह यानि 31 मार्च 2021 तक बढ़कर 56,302 हजार करोड़ हो जाएगा। सरकार द्वारा उधार ली गई रकम का ब्याज 4-4.50 हजार करोड़ चुकाना भी सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है तथा ब्याज चुकाने के लिए कर्ज पर कर्ज लिया जा रहा है।
लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि, जो ऋण लिया जा रहा है उसका बड़ा हिस्सा माननीयों की मौज-मस्ती, पेंशन, सैर सपाटा तथा झूठे विज्ञापनों इत्यादि पर खर्च किया जा रहा है। जनता विकास की आस तथा बच्चों के भविष्य/रोजगार की उम्मीद में दम तोड़ रही है। आलम यह है कि, जो राजस्व सरकार को मिलना चाहिए था, वो राजस्व माफियाओं की सांठ-गांठ से इनकी जेबों में जा रहा है।
उक्त मामले में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि, प्रदेश के बेरोजगार अपने रोजगार तथा आमजन अपनी मूलभूत सुविधाओं को लेकर चिंतित हैं, लेकिन सरकार सिर्फ और सिर्फ प्रदेश को दिवालिया बनाने पर तुली है ! मोर्चा जनता से अपील करता है कि, अपने हक के लिए लड़ें।