पंचायती राज कर्मचारियों के आंदोलन को उक्रांद का समर्थन। धरना प्रदर्शन संग नारेबाजी की
उत्तराखंड क्रांति दल ने पंचायती राज विभाग कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने पंचायती राज विभाग के इन कर्मचारियों के समर्थन में आज धरना प्रदर्शन तथा नारेबाजी की। उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से मांग की है कि, तत्काल इनकी सेवाएं बहाल की जाए और इनका 6 महीने से रुका हुआ वेतन भी प्रदान किया जाए। गौरतलब है कि, पंचायती राज विभाग में आउटसोर्स पर काम करने वाले 95 कनिष्ठ अभियंता और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटर नौकरी से निकाल दिए गए हैं।
इन कर्मचारियों के पक्ष में उत्तराखंड क्रांति दल ने आज धरना स्थल पर जाकर अपना समर्थन दिया। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि इन कर्मचारियों को यदि जल्दी बहाल नहीं किया गया तो उत्तराखंड क्रांति दल अपने आंदोलन को और तेज करेगा। उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पंचायती राज विभाग राज्य वित्त के कंटिजेंसी फंड में से इनकी तनखा दे सकता है। क्योंकि इनका कार्य नियमित प्रकृति का है और पंचायती राज विभाग में विभिन्न निर्माण कार्यों और डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए इस तरह के कर्मचारियों की लगातार आवश्यकता रहती है।
अतः इनको बहाल करने मे दिक्कत नहीं है। आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती हुए इन कर्मचारियों के पीएफ और ईएसआई का भी काफी पैसा अभी तक बकाया है। गौरतलब है कि, कंटीजेंसी का पैसा हर साल मिल रहा है। 14 और 15 वें वित्त में भी यह पैसा आया है। सरकार नौकरियां देने के बजाय कर्मचारियों को नौकरियों से निकाल रही है। 23 अक्टूबर से धरने पर बैठे इन कर्मचारियों की अभी तक कोई सुध तक लेने नहीं आया है।इन्हें दशहरा भी धरना स्थल पर ही मनाना पड़ा। कोरोना काल में निष्कासित किए गए इन कर्मचारियों की हालत यह हो गई है कि इनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। पंचायती राज विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों के इस धरने में उत्तराखंड क्रांति दल के शिव प्रसाद सेमवाल ,विजेंद्र राणा ,सीमा रावत, किरण कश्यप, मोना सिंह, विवेक तंगवाल, राजेन्द्र आदि शामिल रहे।