रिपोर्ट-कुमार दुष्यंत
हरिद्वार में 11 नवंबर को हुए राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम पर जलाए गए दियों का धुंआ अब राजधानी देहरादून पहुंच गया है।
कांग्रेस ने दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए महंगे दामों पर तेल की खरीद को भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए मुख्यमंत्री से इसकी जांच की मांग की है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ‘लोकल न्यूज’ से बात करते हुए इसे शहीदों का अपमान बताया है और कहा कि यदि सरकार इसकी जांच नहीं कराती तो कांग्रेस इसे सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि 11 नवंबर हरकीपैड़ी पर हुए दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए सामग्री की महंगे दामों पर खरीद को लेकर मामला गरमाया हुआ है। विशेषकर ढाई सौ रुपए लीटर की दर से पचास लाख रुपए का तेल खरीदने को लेकर माहौल गर्म है।
खुले बाजार में तिल का तेल 175 रुपए से लेकर तीन सौ रूपए प्रति लीटर तक प्रिंट मूल्य पर उपलब्ध है। जबकि दुकानदार इसे प्रिंट से भी कुछ कम दाम पर बेच देते हैं। सबसे महंगा तिल का तेल बाबा रामदेव का तीन सौ रूपए लीटर है।जिसे खाद्य तिल के तेल के रूप में बेचा जाता है।
पूजा और दीपक जलाने का तिल का तेल बाजार में भगवान, हरीदर्शन, संत आदि विभिन्न नामों से उपलब्ध है। जिसका प्रिंट मूल्य 175-185 प्रति लीटर है।जो 150-160 में आमतौर पर उपलब्ध है। लेकिन दीपोत्सव कार्यक्रम में दिये जलाने के लिए ढाईसौ रुपए प्रति लीटर की दर से 20 हजार लीटर महंगा तेल खरीदा गया।जिसकी कुल लागत 50 लाख रुपए बताई गई है। इसपर अब मामला गरमाया हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि पूरे आयोजन पर करीब दो करोड़ रुपए खर्चे गये। जबकि विभिन्न संस्थाओं संगठनों से भी आयोजन में सहयोग लिया गया और महंगे दामों पर द्रोण शो और गायक को हायर किया गया। दीपोत्सव पर भी महंगी सामग्री खरीदी गई। द्रोण शो में भी राजनीतिक प्रचार किया गया।जो जनता के धन के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार का मामला है।जिसे चुनौती दी जाएगी।