रिपोर्ट- राजकुमार सिंह परिहार
बागेश्वर: आटा, मैदा, बेसन, दूध, दही, पेपर, पेंसिल, एलईडी लाइट सहित विभिन्न वस्तुओं में 18 जुलाई से पांच प्रतिशत जीएसटी लागू किए जाने के विरोध में उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष बलवन्त नेगी के नेतृत्व में व्यापारियों ने एसबीआई तिराहे पर प्रदर्शन कर विरोध जताने के साथ ही क्रेंद्र सरकार व केंद्रीय वित्त मंत्री का सामूहिक पुतला जलाया।
व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष बलवन्त नेगी ने कहां कि इस वृद्धि का जनपद के लाखों व्यापारी कड़ा विरोध कर रहे हैं। इस वृद्धि का प्रभाव गरीबों की जेब पर पड़ेगा। कहा कि डेयरी कंपनियों के पैक्ड फूड आइटम पर जीएसटी की दरें बढ़ाया जाना अनुचित हैं। यही नहीं होटल में 1000 रुपये तक कमरे अभी जीएसटी के दायरे से बाहर थे अब इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसका प्रभाव भी मध्यम लोगों की जेब पर पड़ेगा। व्यापारियों का जीएसटी की बड़ी दरों को वापस लेने की मांग जायज है जिसका विरोध पूरे देश मे 6 चरणों मे किया जाएगा। आज पहले चरण में क्रेंद सरकार व वित्त मंत्री का पुतला दहन किया गया है।
प्रदेश महामंत्री व्यापार मंडल मनीष जख़्वाल ने बताया कि देश में जुलाई 2017 से एक देश एक टैक्स के नाम पर जीएसटी को लाया गया था, जिसमें अभी तक हुई जीएसटी काउंसलिंग की 47वीं बैठक में 1200 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जिससे सरलता आने के बजाय दिन प्रतिदिन कठिनाइयां बढ़ती जा रही हैं, जिससे व्यापारी परेशान है। हमारा संगठन निरंतर मांग करता आया है कि ब्रांडेड जो खाद वस्तुएं हैं, उनको भी जीएसटी की श्रेणी में लाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा था कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। अब आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाकर वादखिलाफी की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिला महामंत्री अनिल कार्की ने कहाँ की वित्त मंत्री व क्रेंद सरकार द्वारा दूध दही लस्सी आदि में 5% जीएसटी लगा दिया है जिससे आज आम जन का जीना मुश्किल हो गया है। वैसे ही व्यापारी जैसे तैसे अपना कारोबार कर रहा है ऊपर से जीएसटी लगा कर और व्यापारियोंकी कमर तोड़ने की कोसिस की जा रही है।
युवा व्यापारी कवि जोशी ने कहाँ कि जहाँ पूरा देश आर्थिक मंदी से झूझ रहा है वहाँ क्रेन्द्र सरकार द्वारा पैकेट वाले दही,लस्सी,आटा, पनीर,अस्पताल में 5000 से ऊपर के कमरें में 5% जीएसटी लगा दिया है । वही सभी प्रकार के चार्ट, मेप व होटल में 1000 से नीचे के कमरों में 12% जीएसटी लगा दिया गया है। वही चैक बुक,टेट्रा पैक वाले उत्पादों, एलईड़ी लाइट, लेम्प,ब्लेड,पेपर,कैची, पेन्सिल, शार्पनर,चमच,केक सर्वर, प्रिटिंग,राइडिंग और ड्रॉईंग इंक पर भी जीएसटी 12% से बड़ा कर 18% कर दिया है। वही सड़क, पुल, रेल,मेट्रो जैसी सेवाओ के क्रान्टेक्ट पर भी जीएसटी 12% बड़ा कर 18% कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश नोटबन्दी, जीएसटी, कोरोना,आर्थिक मंदी के कारण अत्यधिक प्रभावित हुआ है ऐसे में सरकार को राहत देने की जरूरत थी जबकि सरकार द्वारा और जीएसटी बड़ा कर आम जन की क़मर तोड़ने की कोशिश की जा रही हैं। आज आर्थिक मंदी के दौर में जहाँ व्यापारियों का जीवन यापन करना मुश्किल हो गाया है वही इन सब नीतियों का असर सबसे ज्यादा व्यापार पर पड़ा हैं। जल्द से जल्द सरकार को जीएसटी की बड़ी दरों को वापस ले कर आम जनता व व्यापारियों को राहत देने का कार्य करना चाहिए।
वहीं व्यापारियों का कहना है कि खाद्यान्न पर जीएसटी लगाकर सरकार मध्यम व छोटे व्यापारियों के व्यापार को खत्म करना चाहती है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र सरकार 18 जुलाई से आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहू, बाजरा, ज्वार आदि पर पांच फीसद जीएसटी लगा रही है। इसके विरोध में देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस मौके पर कवि जोशी युवा व्यापारी, नगर सचिव अनुज साह, नगर महामंत्री देवेंद्र अधिकारी, पूर्व उपाध्यक्ष दयाल पांडेय, भग़वत रावल, अक्षित जख़्वाल, लक्की जीना, सुनील पांडेय, विजय गड़िया, गुड्डू हरड़िया, पंकज परिहार, भगवत रावल, बब्लू जोशी, रमेश दानू, मनीष पाण्डेय जिला मंत्री, ललित किर्मोलिया, सोनू चौधरी, नीरज पांडेय, भरत रावल, मदन तोमर, राहुल साह, लईक अहमद, शकील अहमद आदि मौजूद रहे।