स्वामी सन्तोषानंद महाराज शिष्य सत्यदेव महाराज अवधुत मण्डल आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार द्वारा अवधूत मण्डल आश्रम से “सिंहद्वार” की ओर जाने वाली सड़क पर अवैध रूप से व्यवसायिक निर्माण की शिकायत के मामले में हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रभारी निरीक्षक कोतवाली (हरिद्वार) को अविलम्ब अभियोग पंजीकृत कर विवेचना के लिए आदेशित किया है।
एडवोकेट रोहिताश शर्मा ने शिकायत कर कहा था कि,स्वामी सन्तोषानंद महाराज शिष्य सत्यदेव महाराज अवधुत मण्डल आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार द्वारा अवधूत मण्डल आश्रम से “सिंहद्वार” की ओर जाने वाली सड़क पर अवैध रूप से व्यवासायिक निर्माण किया गया है, जिसमें उसके द्वारा दुकानें निर्मित की गयी हैं।
हरिद्वार विकास प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही किये जाने के उपरांत दिनांक 18.09.2012 को स्वामी सन्तोषानंद ने आवासीय / व्यवसायिक निर्माण के अशमनीय भाग को तोड़ने पर विकास शुल्क जमा करने का शपथ पत्र दिया था, किन्तु उपरोक्त अवैध निर्माण आज तक नहीं तोड़ा गया है। उपरोक्त मार्ग मास्टर प्लान मार्ग है, जिसकी चौड़ाई मास्टर प्लान के अन्तर्गत 24 मीटर दर्शित है, जबकि मौके पर यह मार्ग सिर्फ 6 से 7 मीटर चौड़ा है।
प्राधिकरण द्वारा अशमनीय भाग को तोड़ने के पश्चात शुल्क जमा करके वैध निर्माण की अनुमति दी जाती है। किन्तु विपक्षी जो कि तत्कालीन कनिष्ठ अभियन्ता बलराम सिंह थे, ने वाद संख्या नो० / ज्वा./102/2012-13 की पत्रावली को हटा/छिपा अथवा नष्ट कर दिया । यह जानकारी एडवोकेट को आर.टी.आई.से मिली।
लोक सूचना अधिकारी टी.पी. नौटियाल सहायक अभियन्ता हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने सूचना दी कि उक्त वाद की पत्रावली को रिकॉर्ड कक्ष से बलराम सिंह कनिष्ठ अभियन्ता को प्राप्त करायी गयी थी।
आर.टी.आई. की प्रथम अपील में प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी उत्तम सिंह चौहान सचिव हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 21.06.2023 को आदेश पारित करते हुए कहा गया कि उक्त पत्रावली काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिल रही है। यह स्थिति खेदजनक है और अपने उक्त आदेश में उनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारी को आदेशित किया गया कि उक्त पत्रावली की खोजबीन प्राथमिकता के साथ करवाये। बावजूद इसके यदि पत्रावली आदेश प्राप्ति के एक माह के भीतर तक नहीं मिलती है तो विधि व्यवस्था अनुसार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायें।”
किन्तु उपरोक्त आदेश पारित हुए भी करीब 5 महीने हो गये हैं और आज तक भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गयी है।
एडवोकेट रोहिताश शर्मा ने मामले में दिनांक 09.10.2023 को कोतवाली हरिद्वार एवं दिनांक 26.10.2023 को एस.एस.पी. हरिद्वार को रजिस्टर्ड डाक से प्रार्थना पत्र प्रेषित किये, परन्तु विपक्षीगण के विरूद्ध कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी।
इसके बड़ी एडवोकेट रोहिताश शर्मा ने दिनांक 04.11.2023 को राज्यपाल , मुख्य मन्त्री , मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन आदि को शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित किये। परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई ।