सतीश डिमरी, गोपेश्वर (चमोली)
स्थाई राजधानी गैरसैण हो यह सपना पूरे उत्तराखंड वासियों के साथ समस्त आंदोलनकारियों का भी है। स्थाई राजधानी गैरसैण हो इस उद्देश्य को लेकर 19-11-2021 आंदोलनकारी गोपेश्वर गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर गोपेश्वर से गैरसैंण तक पद यात्रा करेंगे।
21 वर्षो से उपेक्षित यह उत्तराखंड आखिर अपना दर्द कहे तो कहे किससे, जिसमें कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य के लिए ज्वलंत मुद्दा बन चुका है।यह एक मुद्दा ही नहीं बल्कि उत्तराखंड की भावनाओं के प्रति खिलवाड़ जैसा है। यह राज्य आंदोलन से प्राप्त राज्य है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि क्या इस राज्य के लोगों को हर कुछ प्राप्त करने के लिए आंदोलन की राह पकड़नी होगी क्या? इस राज्य में राजसत्ता भोगने वाली सरकारों से हमारा प्रश्न है।
राज्य इस तरह अपेक्षा के गर्त में क्यों है। आपने वाली पीढ़ियां आज की पीढ़ी से प्रश्न करेगी, इस राज्य की यह स्थिति कैसे हुई। उत्तराखंड की जनता जब हमेशा से छली जा रही है, जो इस राज्य का दुर्भाग्य है। उनका कहना है कि अब हम जगना होगा और राज्य को स्थाई राजधानी दिलाने का संकल्प पूरा करना होगा। यह फिर से या तो आंदोलन करना होगा, हम लोग इसी संकल्प के साथ पद यात्रा कर गैरसैंण जाएंगे और स्थाई राजधानी घोषित करवाएंगे। प
द यात्रा आंदोलनकारी टीम के साथ प्रवीण काशी जी जो कि समाज सेवी है, के नेतृत्व में चल रही है। अन्य आंदोलनकारी वीरेंद्र सिंह मिंगवाल, नारायण सिंह बिष्ट, अरविंद हटवाल, भगत सिंह, आयुष धामी आदि पद यात्रा में सम्मिलित हैं। अब देखना होगा आंदोलनकारियों की यह स्थाई राजधानी की संकल्पना कब तक पूरी होती है या यूं ही उत्तराखंड सड़कों पर उतरता रहेगा।।