बिजेंद्र सिंह राणा
उत्तराखड की सियासत में कब क्या हो जाए कुछ भी कहना हमेशा अप्रत्याशित है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में हो रही सियासी खींचतान में जहां कुछ नेताओं ने भाजपा का दामन थामा तो वही कुछ पुराने दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी में वापसी की कुल मिलाकर दोनों पार्टियों में खींचतान जारी है ।
यह खींचतान विधानसभा चुनाव 2022 तक जारी रहेगी ।
आपको बता दें कि रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ जिनके लगभग कांग्रेस में जाने के कयास लगाए जा रहे थे अब सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के खाली पढ़े विभागों को विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ को दिए जा सकते हैं।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले यशपाल आर्य उनके बेटे संजीव आर्य और रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के कांग्रेस ज्वाइन करने की खबरें जोरों पर थी ,सूत्रों के मुताबिक ये तीनों विधायक राहुल गांधी से मिलने उनके आवास पर गए थे।
राहुल गांधी के आवास पर महासचिव वेणुगोपाल, प्रभारी देवेंद्र यादव, नेता प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, हरीश रावत और प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह आदि मौजूद थे और सभी 3 विधायकों के पार्टी वापसी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त थे।और इसी बीच विधायक उमेश शर्मा काऊ को सांसद अनिल बलूनी का फोन आ गया ।
बस यहीं से सियासत का खेल शुरू हो गया, सूत्रों के मुताबिक उमेश शर्मा काऊ किसी बहाने से वहां से वहां से निकल गए एवं अनिल बलूनी से मिलने पहुंच गए।
सूत्रों के मुताबिक यह खबर आ रही है कि अब सब कुछ सामान्य है एवं विधायक उमेश शर्मा काऊ को भाजपा से कोई गिला शिकवा नहीं है।
सूत्र बता रहे हैं कि जल्द आपको उत्तराखंड में एक और नया मंत्री देखने को मिल सकता है क्योंकि कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कुर्सी खाली है।
इशारा साफ है कि कहीं ना कहीं विधायक उमेश शर्मा काऊ को भाजपा के द्वारा बड़ा लालच दिया गया है।