दिल्ली विधानसभा के नए उपाध्यक्ष के रूप में उत्तराखंड के मोहन सिंह बिष्ट का चयन तय हो गया है। गुरुवार को सदन में उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता उनके नाम का प्रस्ताव सदन में रखेंगी, जबकि मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा इसका अनुमोदन करेंगे। भाजपा के मजबूत संख्या बल को देखते हुए बिष्ट का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।
पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्रों में उत्तराखंड के मतदाताओं की संख्या अधिक है।
ऐसा माना जा रहा हैं कि भाजपा इस फैसले के जरिए उत्तराखंड से जुड़े मतदाताओं को संदेश देना चाहती है। पार्टी का मानना है कि बिष्ट की वरिष्ठता और अनुभव विधानसभा में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।
छठी बार विधानसभा पहुंचे बिष्ट
मोहन सिंह बिष्ट को इस पद पर निर्वाचित करने के लिए दो अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता रखेंगी, जिसे पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा समर्थन देंगे। दूसरा प्रस्ताव भाजपा विधायक अनिल कुमार शर्मा पेश करेंगे, जिसका समर्थन गजेंद्र यादव करेंगे।
बिष्ट छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं और सदन में भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। इस बार उन्होंने करावल नगर के बजाय मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आदिल अहमद खान को करीब 17,000 मतों से हराया था।
विधानसभा अध्यक्ष पद पर पहले ही विजेंद्र गुप्ता का चयन हो चुका है, और अब बिष्ट को उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने उत्तराखंड के मतदाताओं को साधने की रणनीति अपनाई है।