आनन्द बर्धन को चुकाना होगा न्यायालय की शान में गुस्ताखी का खामियाजा
शासन ने की गुस्ताखी मामले में कार्यवाही शुरू
उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आनंद वर्धन पर कार्यवाही हो सकती है। उन पर न्यायालय को सम्मान देने वाला संबोधन न कहे जाने का आरोप है।
बताते चलें कि सेवानिवृत्त सिंचाई विभाग के कार्मिकों की पेंशन मामले में उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय ने पेंशन देने के आदेश जारी किये थे। जिस पर आइएएस आनन्द बर्धन द्वारा जानबूझकर रोड़ा अटकाने की दिशा में प्रयास किया गया था। शासन की टीपों में आनन्द बर्धन द्वारा स्वयं की गई नोटिंग में हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के संबोधन में कहीं भी ‘माननीय’ शब्द का प्रयोग नहीं किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर जनसंघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने अपै्रल 2019 में मुख्य सचिव से उक्त मामले में शिकायत की थी।
मुख्य सचिव ने निर्देश पर कार्मिक विभाग ने जून 2019 में कार्यवाही शुरू कर दी है। उक्त मामले में निश्चित तौर पर गैर जिम्मेदार अधिकारी आनन्द बर्धन को सबक मिलेगा। उक्त मामले में सूचना आयोग भी फटकार लगा चुका है। वर्ष 2010 के महाकुंभ में मेलाधिकारी रहते हुए करोड़ों रुपये ठिकाने लगाने का कार्य उक्त अधिकारी द्वारा किया गया था, जिसका कैग की रिपोर्ट में भी उल्लेख है।
इस संबंध में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक प्रेसवार्ता भी की। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव आनन्द बर्धन, जो कि कुंभ घोटाले के मास्टरमाइंड रह चुके हैं, ने न्यायालय की शान में गुस्ताखी कर न्याय के मन्दिर की अवमानना की है। नेगी ने कहा कि मोर्चा भ्रष्ट एवं गैर-जिम्मेदार अधिकारियों को बिल्कुल नहीं छोड़ेगा।