नीरज उत्तराखंडी
उत्तरकाशी। विकासखंड मोरी के सुदूरवर्ती हिमाचल सीमा से लगे फते पर्वत पट्टी के मसरी गांव के अनुसूचित जाति बस्ती में शुक्रवार दोपहर बाद अचानक लगी आग से गांव में 28 मकान जल कर राख हो गए जबकि आधा दर्जन से अधिक अन्न कोठार भी अग्नि कांड की भेंट चढ़े वहीँ दर्जन भर मकानों को भी आंशिक क्षति पहुंची। घटना दोपहर की होने के कारण ग्रामीण खेतों में कृषि कार्यों में व्यस्त होने से जहाँ जन हानि होने से बचे। वहीँ दूसरी ओर जिंदगीभर की कमाई की खाद्य सामग्री, नगदी, आभूषण, कपड़े, बिस्तर आदि रोजमर्रा का सामान नहीं बचाया जा सका आग लगने के कारणों का पता नही चल सका।
आग से सजनु पुत्र सोबनु लाल, कुमाड़ी पुत्र थमू लाल, रामु पुत्र सैंजु लाल, जैया लाल पुत्र रणसू लाल, सुरेंद्र लाल पुत्र पंजाबी लाल, परमसुख पुत्र कुमरी लाल, रद्दु लाल पुत्र पुरमू लाल, रैमाशु पुत्र नंद लाल, सीलु पुत्र बिसरू लाल, पुरमू पुत्र ग्यारु लाल, लुद्रू पुत्र खेती लाल, जिपालु पुत्र हँसरू लाल, इल्मी पुत्र हँसरू लाल, सुरपालु पुत्र हँसरू लाल, दुधबिरु पुत्र दुर्बी लाल, विहारी पुत्र बिसरू लाल ,रैंडी लाल पुत्र स्यामू, सुनपु पुत्र पुनेटि, बिकरु पुत्र ज्वानु लाल, रोशन लाल पुत्र रतन लाल, रतन लाल पुत्र सराजी, चंद्रु पुत्र हँसियारी, जिद्दू लाल पुत्र हँसियारी, कलमी पुत्र नंदा लाल, सुबेतु पुत्र जिया लाल, बीजू पुत्र बिंदेतु लाल, प्रकाश पुत्र प्रसादी तथा अकबर सिह पुत्र मंडल सिंह के आवासीय भवनों सहित अन्न के कोठार आदी जल कर राख हो गए हैं, जबकि जया लाल, लुद्रू, रैंडी, इल्मी, रैमाशु, सुरेंद्र के आधा दर्जन से भी अधिक मवेशी भी जल गए।
तहसीलदार सीएस राणा ने बताया कि पीड़ित परिवारों की प्राथमिक विद्यालय,आंगनबाड़ी, औऱ आयर्वेदिक चिकित्सालय भवनों में रहने व खाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रभावित परिवारों को राशन, बिस्तर व अहेतुक राशि वितरित कर दी गयी है।
उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया की तहसीलदार सहित राजस्व टीम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीम को घटना के दिन ही मौके पर पहुंच गई थी। सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है और प्रभावित परिवारों को खाद्यान्न सामग्री के साथ बिस्तर आदि गत रात्रि को ही उपलब्ध करवा दी गयी है। साथ ही नुकसान का आंकलन करने हेतु तहसीलदार को निर्देशित कर दिया गया है।