पीएमजीएसवाई व परिवहन विभाग की लापरवाही से गंवाई जान
जगदम्बा कोठारी
रुद्रप्रयाग। मुंबई के होटल में नौकरी करने वाले युवक अपने जीवनसंगिनी का चयन करने रुद्रप्रयाग जा रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और इससे पहले ही उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इससे क्षेत्रवासियों में शोक की लहर छा गई है।
सोमवार शाम 6 बजे विकासखंड जखोली के कुरछोला गांव का 24 वर्षीय युवा उत्तम सिंह पंवार को पीएमजीएसवाई व परिवहन विभाग की लापरवाही से अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
दरअसल हुआ यूं कि सोमवार शाम 24 वर्षीय उत्तम सिंह पंवार मुंबई से महीनों बाद रुद्रप्रयाग में अपने गांव कुरछोला जा रहा था। जैसे ही वह अर्जुन बैंड केे पास पहुंचा तो उसकेे गांव में सड़क निर्माण में लगा ट्रैक्टर उधर से गुजरता हुआ मिला। समय ज्यादा हो गया था और जाने का कोई अन्य साधन न होने के कारण उत्तम सिंह ने ट्रैक्टर चालक से लिफ्ट मांगी, लेकिन कुछ दूरी तय करने के बाद उबड़-खाबड़ व टूटी सड़क होने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली लगभग 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई। जिससे उत्तम सिंह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
उस समय ट्रैक्टर में चालक अजीत, उत्तम सिंह व एक नेपाली मजदूर सहित कुल तीन लोग सवार थे। चालक अजीत निवासी सहारनपुर भी इस हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गया और उसे हायर सेंटर देहरादून रैफर किया गया है। हालांकि नेपाली मजदूर को मामूली चोटें आई हंै।
बताया गया कि परिवहन व सड़क निर्माण वाले विभाग पीएमजीएसवाई के अधिकारी गंभीर चूक मानते हुए अपना पल्ला झाड़ते हुए मृतक के परिजनों से दूरी बनाए हुए हैं।
ग्राम प्रधान कुरछोला दीपक रावत व मृतक उत्तम सिंह के चचेरे भाई राकेश पंवार का कहना है कि इस तरह की गंभीर लापरवाही बरत रहे अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
राकेश बताते हैं कि उत्तम मुंबई में एक होटल में नौकरी करता था और आज मंगलवार को उसने अपने लिए लड़की पसंद करने जाना था, लेकिन शायद ऊपर वाले को यह मंजूर नहीं था। उत्तम के आकस्मिक निधन से परिजनों का हाल रो-रोकर बेहाल है।
पीएमजीएसवाई जखोली के अधिशासी अभियंता पवन कुमार सिन्हा बताते हैं कि हमारे विभाग की तरफ से कोई ट्रैक्टर संचालन के लिए कोई परमिशन नही दीं गई है और ठेकेदार से जानकारी मालूम की जा रही है।
रुद्रप्रयाग के एआरटीओ पंकज श्रीवास्तव कहते हैं कि परिवहन विभाग ने पीएमजीएसवाई को पहाड़ी क्षेत्र में ट्रैक्टर ट्रॉली संचालित करने की मनाही की थी। जांच के बाद संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।