गिरीश गैरोला
केदारनाथ धाम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। बताया गया कि एयरपोर्ट का एमआई-17 हेलीकॉप्टर पायलट और को-पायलट सुरक्षित केदारनाथ में लैंडिंग करने जा रहे थेे, लेेेकिन उससे पहले ही यह हैलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद आनन-फानन में चालक दल के सदस्य और अन्य क्रू मेंबर हैलीकॉप्टर से बाहर निकले। इस बीच हैलीकॉप्टर से धुएं का गुबार निकलने लगा।
जानकारी के अनुसार इन दिनों हेलीकॉप्टर के जरिए केदारनाथ में सिंचाई विभाग के निर्माण कार्य के लिए मशीनें पहुंचाई जा रही हैं। केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य के तहत बाढ़ सुरक्षा के कार्य चल रहे हैं। सिंचाई विभाग के द्वारा कराए जाने वाले कार्यो के लिए मंगलवार सुबह करीब नौ बजे यह हेलीकॉप्टर चारधाम हैलीपैड (गुप्तकाशी) से क्रेसर मशीनें लादकर केदारनाथ जा रहा था। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य की मैपिंग कर रहे आर्किटेक्ट कृष्णा कुड़ियाल ने बताया कि उन्हें भी इस हैली कॉप्टर से केदारनाथ जाना था, किन्तु उन्होंने पैदल मार्ग से जाने की बात कह कर इनकार कर दिया। हेलीकॉप्टर में सवार सभी छह लोग सुरक्षित हैं। हेलीकाप्टर में दो पायलट और 4 अन्य क्रू मेंबर सवार थे। पायलट को आई हल्की चोटें आई हैं, जबकि चार के मामूली घायल होने की सूचना हैं। हैलीपैड भी पर्याप्त चौड़ा बताया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि पायलट हवा का रुख नहीं समझ पाया। उसे समझ में नहीं आया कि वहां पर हेड विंड है या फिर टैल विंंड।
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2013 में भी एक एमआई-17 क्रैश हो चुका है। उसमें 28 लोग मारे गए थे। उसके बाद दो हेलीकॉप्टर और क्रैश हुए हैं। केदारनाथ जैसी जगह पर एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की तैनाती की आवश्यकता महसूस की जाती रही है, लेकिन एटीसी तैनात न होने के कारण ग्राउंड स्टाफ कई बार सही से जानकारी नहीं दे पाता कि हवा का रुख किधर है। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार एमआई-17 का एक हिस्सा लैंड करते वक्त पास के लोहे के टुकड़े से भी टकरा गया था।