वर्ल्ड थिएटर डे पर दिखेंगे दुर्लभ 17 लोक नृत्य। पहाड़ की समृद्ध संस्कृति को सहेजने का प्रयास।
डिवाइन डांस ऑफ़ उत्तरकशी वेबसाइट में पहाड़ की दुर्लभ संस्कृति।
गिरीश गैरोला ।
इसे पहाड़ों की विडंबना ही कहेंगे के अक्सर थौले – मेले के दौरान दिखने वाली यहां की समृद्ध संस्कृति से देश और दुनिया के लोग अभी तक भी परिचित नहीं हो सके हैं। इंटरनेट की दुनिया में आने के बाद अब सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों की यह दुर्लभ संस्कृति एक क्लिक पर देश और दुनिया के लिए उपलब्ध होगी ।
26 एवं 27 मार्च को मनाया जाने वाला वर्ल्ड थिएटर डे गढ़वाल के पहाड़ो के लिए इस बार खास होने वाला है ।डीएम उत्तरकाशी की माने तो इस मौके पर पहाड़ों की विलुप्त हो रही लोक संस्कृति को संकलित कर एक डिवाइन डांस ऑफ़ उत्तरकाशी नामकी वेब साइट में डाला जा रहा है। जरूरत पड़ने पर कोई भी व्यक्ति न सिर्फ ऑनलाइन इन लोकनृत्यों का आनंद ले सकता है बल्कि उनके कलाकारों से भी संपर्क भी कर सकता है।
वेबसाइट में लोक नृत्यों में प्रयोग होने वाले वाद्य यंत्र और कलाकारों की ड्रेसेस का भी विवरण डाला जा रहा है। इस मौके पर सिनेमा और थियेटर से जुड़े कलाकार भी अपनी प्रतिभा दिखा सकेंगे।
रंगकर्मी दिनेश भट्ट की माने तो dm उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान के प्रयासों से कई ऐसे लोक नृत्य भी दुनिया के सामने आएंगे जो अब तक भले ही उत्तरकाशी जनपद में हो तो रहे थे लेकिन खुद उत्तरकाशी के सभी लोग भी उनसे परिचित नहीं थे, और धीरे-धीरे यह समृद्ध संस्कृति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही थी ।
लोक गायक ओम बधानी ने बताया हिमाचल सीमा से लगी उत्तरकाशी जनपद की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को खासकर लोकनृत्यों को संकलित करने का प्रयास किया है आरंभ में उनकी टीम ने सिर्फ तीन से चार लोक नृत्यों रांसो , तांदी , पांडव नृत्य और जोगटा नृत्य पर ही काम करने का मन बनाया था किंतु जब इस उद्देश्य को लेकर धरातल पर उनकी टीम उतरी तो पाया कि यहां पहाड़ की संस्कृति अनेक रूपों में बिखरी पड़ी है जिसे संकलित नहीं किया
जा गया तो वो आनेवाले समय में बिलुप्त होकर महज एक याद बनकर रह जायेगी।
जिसके बाद अभी तक अकेले उत्तरकाशी जनपद से ही 17 लोक नृत्यों को शामिल किया जा चुका है। हालांकि अभी इस क्षेत्र में और भी बहुत कुछ काम होने बाकी है जिनमें छोड़ें और छोपति आदि सामिल है जो अक्सर यहाँ गाये जाते है। आरंभ में 15 से 20 दिन का जो शिड्यूल इनके संकलन के लिए बनाया गया था वह ढाई महीने काम करने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। रात दिन की कड़ी मेहनत के बाद डिवाइन डांसेज ऑफ उत्तरकाशी नाम से एक वेबसाइट बनाई तैयार हो रही है।
इस वेबसाइट पर जनपद के 17 लोक नृत्यों का डिटेल मौजूद रहेगा ।देश और दुनिया में कोई भी व्यक्ति उन्हें देखना चाहे तो एक क्लिक से न सिर्फ लोक नृत्य देख सकता है बल्कि संबंधित कलाकार से संपर्क भी कर सकता है।