कृष्णा बिष्ट
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डीके नौडियाल का इस्तीफा आज राज्यपाल ने मंजूर कर दिया है।
प्रोफेसर नौडियाल ने व्यक्तिगत कारण बताते हुए इस्तीफे के लिए आवेदन किया था। उनके कार्यकाल में अभी मात्र 11 महीने का कार्यकाल शेष था, किंतु मूल रूप से आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर नौडियाल को आईआईटी रुड़की प्रबंधन ने आवास खाली करने के लिए कह दिया था। ऐसे में प्रोफेसर नौडियाल के सामने यह समस्या खड़ी हो गई कि यदि आवास खाली करना पड़ा तो फिर 11 महीने बाद उन्हें वहां दोबारा आवास मिलना मुश्किल है, इसलिए उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा देना मुनासिब समझा।
गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2017 को वह 3 साल के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त हुए थे और 31 मार्च 2020 तक उनका यहां पर कार्यकाल रहना था।
कुलपति से आवास खाली न कराने को लेकर उत्तराखंड के राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी आईआईटी रुड़की के प्रबंधन को अनुरोध किया था, लेकिन आईआईटी रुड़की ने राज्यपाल की बात नहीं मानी। लिहाजा कुलपति को इस्तीफा देकर वापस जाना पड़ा।
प्रोफेसर नौडियाल का कहना है कि यदि वह अभी कमरा बाहर ले लेते तो 11 महीने बाद उन्हें फिर से अपना सामान आईआईटी द्वारा आवंटित भवन में शिफ्ट करना पड़ता। झंझट से बचने के लिए कुलपति ने इस्तीफा दे दिया था, जिसे आज राज्यपाल ने मंजूर कर दिया।