मनोज नौडियाल, मनीष व्यास
सोशल मीडिया पर चल रही भालू के हमले वाली खबर है फर्जी ।
कोटद्वार । कुछ सोशल मीडिया साइटों जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर यह खबर चल रही है कि दुगड्डा के समीप भालू द्वारा एक युवक को बुरी तरह घायल कर दिया गया है जिसे कि उपचार के लिए अस्पताल भी लाया गया है ।वही सोशल मीडिया की फोटो के मुताबिक भालू को भी लाठी डंडियो से पीटकर मार दिया गया है।साथ में मोटर साइकिल कि फोटो भी डाली गई है जिससे कि प्रतीत हो रहा है कि गाडी कोटद्वार की है ।किंतु यह सब एक फर्जी खबर व अफवाह फैलायी गई है ।
कोटद्वार । कुछ सोशल मीडिया साइटों जैसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर यह खबर चल रही है कि दुगड्डा के समीप भालू द्वारा एक युवक को बुरी तरह घायल कर दिया गया है जिसे कि उपचार के लिए अस्पताल भी लाया गया है ।वही सोशल मीडिया की फोटो के मुताबिक भालू को भी लाठी डंडियो से पीटकर मार दिया गया है।साथ में मोटर साइकिल कि फोटो भी डाली गई है जिससे कि प्रतीत हो रहा है कि गाडी कोटद्वार की है ।किंतु यह सब एक फर्जी खबर व अफवाह फैलायी गई है ।
दुखद खबर है ये पर ये विडियो जो , डाला गया है ये विडियो छत्तीसगढ़ का है जहाँ सुरजपुर में एक भालू ने वन विभाग के एक स्टाफ पर हमला कर दिया था। और उसे मार डाला। इस वन विभाग के स्टाफ का नाम के पी सिंह था। आदमखोर हो चुके भालू को बेकाबू होता देख वन विभाग ने पुलिस को गोली मारने का आदेश दिया जिसके बाद भालू को गोली मार दी गई।
जब इस सम्बन्ध में डीएफओ लैन्सडोन वैभव कुमार सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इस प्रकार की कोई सूचना प्राप्त नही हुई है । जानवरों के प्रति आम जनमानस में दहशत फैलाई जा रही हैं जोकि सही नहीं है ।इसकी शिकायत हम साइबर सैल व एसएसपी पौडी को भेंज रहे है ।जिसके द्वारा भी यह खबर फैलायी गई है उसके खिलाफ आईटी एक्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जायेगा ।
सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसी खबरें चलने लगती हैं जिसकी वजह से सामान्य लोगों में भय पैदा होता है। इसकी वजह से कई लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसलिए किसी को भी किसी खबर के सही होने की पुष्टि करने के बाद ही उसे आगे बढ़ाना चाहिए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सोशल मीडिया से अफवाहों को आगे बढ़ाने से रोकने की कई बार अपील कर चुके हैं।
यह खबर भले ही फर्जी हो लेकिन यह अपने आप में एक बड़ा तथ्य है कि इस क्षेत्र में डेढ़ साल में लगभग आधे दर्जन भालू के हमले हो चुके हैं।
गौरतलब है कि भालू का आतंक कभी इस क्षेत्र में राजनीति मुद्दा ही नहीं बन पाता। 31 दिसंबर 2016 को भी कोटद्वार बाजार से 1 मील आगे घुघुतिया के पास भालू ने पंकज पोखरियाल नाम के एक युवक के चेहरे पर वार करके उसे बुरी तरह घायल कर दिया था। युवक को किसी तरह से कोटद्वार अस्पताल पहुंचाया गया था।
उसके बाद 23 नवंबर 2017 को द्वारीखाल ब्लॉक में ग्राम ढौंरी की कांता देवी एक महिला को भालू ने अपना शिकार बना दिया। 36 वर्षीय कांता देवी 10:00 बजे अपने पशुओं के लिए घास लेने गई थी कि भालू ने उस पर हमला कर दिया था। महिला के पूरे मुंह और सर पर भालू ने अपने नाखूनों से गहरे निशान बना दिए थे।
13 जनवरी को भी यम्केश्वर ब्लॉक के बंचूरि गांव में भालू ने फिर सुनीता लखेड़ा नाम की एक महिला पर हमला करके उसे बुरी तरह घायल कर दिया था।
महिला की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे थे और किसी तरह से उसे भालू से मुक्त कराया था।
इससे पहले 14 अगस्त 2015 को भी भालू ने एक महिला पर कोटद्वार में हमला कर दिया था। हालांकि लगातार आतंक के कारण लोगों में काफी गुस्सा है। कोटद्वार लैंसडौन रेंज के गुमखाल के बेर गांव में एक मार्च को जंगल में चारा पत्ती लेने गई सुशीला देवी को भालू ने बुरी तरह नोच डाला था। जिसे ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था उनके चेहरे का 80% हिस्सा भालू ने नोच दिया था।
एक डेढ़ साल में भालू ने इस इलाके में दर्जनों लोगों पर हमला किया है। लेकिन स्थानीय प्रतिनिधि हॉस्पिटल में हमले के शिकार लोगों के साथ फोटो खिंचा कर गायब हो जाते हैं।
ऊपर दिए गए दो फोटो इसी क्षेत्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी और पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह का है। वर्तमान में वन मंत्री स्वयं हरक सिंह रावत हैं जो कोटद्वार क्षेत्र से विधायक हैं और जनता के प्रति जंगल और जंगली जानवरों के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रतिबद्ध दिखते हैं।
ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि वह इस क्षेत्र की जनता को भालू के हमले से मुक्ति देने के लिए क्या कर सकते हैं !.