मामचन्द शाह
उत्तराखंड में युवाओं के दिल की धड़कन के नाम से मशहूर हो चुके यूथ फाउंडेशन ने कर्णप्रयाग में दरबान सिंह नेगी को समर्पित अपना नया कैंप का शुभारंभ कर दिया है। जहां 115 युवा भर्ती पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
दरअसल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वीर सिपाही दरबान सिंह नेगी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जिससे रानी विक्टोरिया उनसे बेहद खुश हुई। इस पर रानी ने उनसे ईनाम के रूप में कुछ मांगने के लिए कहा। सामाजिक हितों को सर्वोपरि मानते हुए वीर जांबाज दरबान सिंह नेेगी ने अपने निजी स्वार्थ को दरकिनार करते हुए क्षेत्र क्षेत्र में दयनीय शिक्षा की हालत देखते हुए यहां एक स्कूल स्थापित करने की मांग की। साथ ही उन्होंने मांग की कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बिछाई जाए, जिससे पहाड़वासियों को भी आवाजाही करने में सहूलियत हो सके। यही कारण है कि आज जिस रेल लाइन का निर्माण को हरी झंडी मिल चुकी है, इसके पीछे वीर सिपाही दरबान सिंह नेगी की दूरदर्शिता ही थी। साथ ही कर्णप्रयाग में 1918 में विक्टोरिया क्रॉस अवार्ड दरबान सिंह नेगी वार मेमोरियल इंटर कालेज भी स्थापित कर दिया गया। स्कूल खुलने से क्षेत्रीय बच्चों को काफी सहूलियत हुई, लेकिन काफी दशक बाद धीरे-धीरे इस स्कूल के संचालन में कठिनाइयां आने लगी और करीब ४० साल पहले यह स्कूल पूर्णत: बंद हो गया। आज इस स्कूल को खुले एक शताब्दी का समय बीत चुका है और इसकी हालत जीर्ण-शीर्ण हो गई थी।
यूथ फाउंडेशन के मीडिया प्रभारी आमोद पंवार बताते हैं कि जब इस स्कूल के बारे में फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने कर्नल अजय कोठियाल को बताया तो उन्होंने यहां अपना कैंप स्थापित कर दरबान सिंह नेगी को इसे समर्पित करने का निर्णय लिया। इस पर फाउंडेशन के कार्यकर्ता इस स्कूल की खस्ता हालत को दुरुस्त करने में जुट गए।
कर्नल कोठियाल मानते हैं ऐसे वीर जांबाज, जो विषम परिस्थितियों के बावजूद प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी युद्ध कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विक्टोरिया क्रॉस अवार्ड जीतने में सफल रहे, ऐसे वीर की स्मृति को समाज में हमेशा जीवंत रखना हम सभी का दायित्व है। यही कारण है कि उन्होंने इस कैंप को विक्टोरिया क्रॉस अवार्ड विजेता दरबान सिंह नेगी को समर्पित किया है।
उल्लेखनीय है कि यूथ फाऊंडेशन के विभिन्न कैंपों को कर्नल अजय कोठियाल (केसी एससी वीएसएम) द्वारा संचालित किया जा रहा है। कर्नल अजय कोठियाल निम के प्रधानाचार्य हैं। केदारनाथ आपदा में हुई तबाही के बाद वहां का माहौल सामान्य बनाने में उनके अहम योगदान को देशभर ने सराहा।
निम के अलावा कर्नल अजय कोठियाल ने उत्तराखंड में यूथ फाउंडेशन की आधारशिला इसलिए रखी, क्योंकि उचित मार्गदर्शन न मिलने के कारण युवा सेना में भर्ती होने में कामयाब नहीं हो सकते थे। ऐसे में सही समय पर १० एवं १२वीं पास युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए यूथ फाउंडेशन उन्हें बेहतरीन प्रशिक्षण देता है। अब तक यूथ फाउंडेशन ने 8300 बेरोजगार युवाओं को अपने खर्चे पर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया, जिसमें से करीब 4500 बेरोजगार युवाओं को भारतीय सेना में जाने का अवसर मिला। लगभग 3000 युवक पैरा मिलिट्री जैसे बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी एवं पुलिस में भर्ती होने का मौका मिला।वर्तमान में कर्नल कोठियाल द्वारा गढ़वाल एवं कुमाऊं में यूथ फाउंडेशन के 8 कैंप संचालित किए जा रहे हंै। जिनमें कुमाऊं में पानागड़, उत्तरकाशी में कंवा गांव में, टिहरी गढ़वाल के चौरास में, पौडी गढ़वाल के श्रीनगर में, चमोली में नागनाथ पोखरी, रुद्रप्रयाग में अगस्त्यमुनि और गुप्तकाशी आरएसएस कैंप, देहरादून में सेलाकुई के रुद्रपुर में डेल्टा कैंप व देहरादून में सरदार भगवान सिंह मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इसके अलावा अब कर्णप्रयाग में 13 जून 2018 से दरबान सिंह नेगी वार मेमोरियल इंटर कालेज में यूथ फाउंडेशन का कैंप संचालित कर दिया गया है।
वर्ममान में इस भवन का मरम्मत का काम चल रहा है। यूथ फाउंडेशन के 115 युवा प्रतिदिन 6 घंटे की मेहनत कर इस कैंप को ठीक करने में जुटे हुए हैं। कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने यूथ फाउंडेशन के बेहतरीन सामाजिक कार्यों को देखते हुए इस कैंप के जीर्णोद्धार के लिए दो लाख रुपए की धनराशि दी है। जिससे इस भवन की मरम्मत कर विक्टोरिया क्रॉस अवार्डी दरबान सिंह नेगी से आज की पीढ़ी को भी प्रेरणा मिल सकेगी।