अभी भी दर्जनों परिवार पक्का आवास मिलने की बाट जोह रहे हैं। ऐसे परिवारों के सपने भी शीघ्र ही साकार होने की संभावना बन रही है
महेशचन्द्र पंत/रुद्रपुर
नगर पंचायत शक्तिगढ़ में शिव मंदिर वार्ड 2 के अंतर्गत लगभग एक एकड़ भूमि सरकारी भूमि दर्ज होने के कारण कई परिवार राजीव आवास योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए हैं। जिससे वार्ड के निवासी हताश, आक्रोशित व आंदोलित हैं।
शक्तिगढ़ नगर पंचायत में ४ वार्ड हैं। नगर पंचायत चुनाव के समय सुकांत ब्रह्म ने नगरवासियों को विश्वास दिलाया था कि वह झोपड़ पट्टी में वर्षों से निवास कर रहे परिवारों के लिए सरकार से पक्के आवास बनवाएंगे। इन वार्डों में सैकड़ों परिवार वर्षों से कच्चे मकान बनाकर निवास कर रहे थे। सड़कें थी न ही नालियां। मोहल्लों में निवास करने वाले कई प्रकार की कठिनाइयों से जूझ रहे थे। वर्षों से इनको मूलभूत सुविधाएं दिलाने के नाम पर वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने के बाद जनप्रतिनिधियों ने आंखें मूंद ली। मूलभूत आवश्यकताओं को सदैव वोट बैंक रूप में इस्तेमाल कर आंखें मूंद ली गई।
जनता ने सुकांत ब्रह्म पर विश्वास जताते हुए उन्हें विजयी बनाया। ब्रह्म ने भी अपना वायदा निभाते हुए चिन्हित ५०४ परिवारों के लिए पक्के आवास बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा व शासन से निरंतर संपर्क बनाए रखा। परिणामस्वरूप शासन ने ५०४ पक्के आवासों का प्रस्ताव स्वीकार कर दिया। इसके अंतर्गत सड़कें, नालियां, पुलिया आदि निर्माण कार्यों हेतु धन आवंटित कर ९ करोड़ ४६ लाख व अन्य सुविधाएं मिलने की पहली किश्त में रिलीज कर दी।
पक्के मकान व अपनी छत की खुशी से सैकड़ों परिवार उत्साहित हंै। सुकांत ब्रह्म ने आवंटित धन से ४ वार्डों में अविलंब आवास निर्माण कार्य आरंभ करवा दिया।
वार्ड नं. १ की अंजू मजूमदार कहती हैं कि छोटे-छोटे बच्चे हैं। हम खेतों में मजदूरी करते हैं। दो जून की रोटी का जुगाड़ मुश्किल से होता है। कभी नहीं सोचा था कि यह सपना कभी पूरा हो पाएगा। अध्यक्ष जी की वजह से ही यह सब हो रहा है।
आवास परिवार की महिला के नाम से दर्ज किया जा रहा है। निर्माण कार्य गतिमान है, लेकिन वार्ड नं. २ शिव मंदिर में जब निर्माण कार्य हेतु भूमि स्वामित्व का निरीक्षण किया गया तो इस वार्ड की लगभग एक एकड़ भूमि ट्रांजिट कैंप (सरकारी भूमि) के नाम पर दर्ज है। नियमानुसार ऐसी भूमि पर आवास नहीं बनाए जा सकते, जबकि कई परिवार ३५-४० वर्षों से इस भूमि पर झोपड़ी आदि बनाकर निवास कर रहे हैं।
सरकार की आवासीय योजना का लाभ न मिल सकने के कारण कई परिवार निराश हैं। कुछ लोग आंदोलन, धरना, प्रदर्शन कर इसका राजनैतिक लाभ लेने को आतुर हैं।
वार्ड २ की सभासद सगुन गुप्ता बताती हैं कि निष्पक्ष रूप से सूची बनाई गई थी। सरकारी भूमि के अतिरिक्त भूमि पर आवास बनाए जाएंगे। ट्रांजिट कैंप शरणार्थियों को बसाने के लिए स्थापित था। वर्षों से यहां विभाग का कोई नहीं रहता। यह विभाग जिला मुख्यालय से संचालित हो रहा है। समस्या के समाधान हेतु नगर पंचायत प्रशासन ने जिला प्रशासन प्रस्ताव भेज दिया गया है। कुछ स्वार्थी तत्व सीधे-सादे लोगों को भड़काकर राजनैतिक रोटियां सेकने का कुप्रयास कर रहे हैं।
सुकांत ब्रह्म ने भी अपना वायदा निभाते हुए चिन्हित 504 परिवारों के लिए पक्के आवास बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा व शासन से निरंतर संपर्क बनाए रखा। परिणामस्वरूप शासन ने 504 पक्के आवासों का प्रस्ताव स्वीकार कर दिया है।
”जन्म ही यहीं हुआ है। अब कहा जा रहा है कि जमीन सरकारी है। हमारे साथ अन्याय हो रहा है।
– दीपांकर, वार्ड नं. २
”सुकांत जी ने वायदा पूरा किया। हमें बहुत खुशी है, हमारा भी अपना मकान बन रहा है।
– रमेश दास, वार्ड नं. २
”हमें खुशी थी कि पक्का मकान बनेगा, लेकिन अब कहा जा रहा है कि नहीं बनेंगे। बाप-दादा के समय से पिछले ३५-४० वर्षों से यहां रह रहे हैं।
– रमेश दास, वार्ड नं. २
”कहीं कोई पक्षपात नहीं किया गया, न ही उपेक्षा की जा रही। सभी वार्डों में कार्य तेजी से हो रहा है। निर्माण कार्यों में पारदर्शिता व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
– सुकांत ब्रह्म, अध्यक्ष न.पं. शक्तिगढ़
”निर्माण कार्य गतिमान है। समय-समय पर मॉनेटरिंग की जा रही है। वार्ड नं. २ की समस्या के समाधान हेतु शासन व जिला प्रशासन स्तर पर कार्यवाही लंबित है।
– सरिता राणा
अधिशासी अधिकारी, न.पं. शक्तिगढ़