उमेश कुमार (एडिटर इन चीफ, समाचार प्लस) ने प्रेस कांफ्रेंस मे एक और स्टिंग जारी किया है।इसमे मुख्यमंत्री के भाई वीरेंद्र रावत और उनके कथित भतीजे की बातचीत आप सुन सकते हैं। इस वीडियो में आप समझ सकते हैं कि मुख्यमंत्री के भाई का खनन के धंधे पर कैसा एकाधिकार है।
आसानी के लिए ट्रांस्क्रिप्ट भी साथ मे है।
देखिए वीडियो
https://youtu.be/Ql_fbQ3xYRE
पढिए क्या है स्टिंग मे
CM Bro Nephew file no E 006 reporter and virendra rawat(CM BROTHER)
Date 02-06-2018
video file no-E006
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई) और रिपोर्टर के बीच बातचीत…
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3.00 पर आयुष गौड़… for this we can obliged the education minister as well what ever he ll ask for,we do not have any problem.
वीरेंद्र सिंह रावत… पैसों की बात आते ही सीएम का भाई वीरेंद्र सिंह रावत धीरे से हाथ से इशारा करके चुप कराते हुए
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई). बेस इज एजुकेशन मिनिस्टर
रिपोर्टर—या या
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई). Do u ve an other copy of this
Reporter… no u can keep this
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)…. I need one more clip
रिपोर्टर —-I ll send it to you threw my driver, or u can keep this I don’t ve any problem I just need to give one more presentation to one of your associates.
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई) no I am thinking I ll send it to education director also
रिपोर्टर– that’s nice we ve an other two days अगर आपके पास कल समय हो तो हम आपको डेकोरेटिव कापी दे देंगे
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)- मैं अभी आया
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9.49 पर वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई) के वापिस आने के बाद दोबारा बातचीत शुरू
9.49 पर वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई).. इजीनियरिंग क़ॉलेज में कांटेक्ट किया किसी ने
रिपोर्टर… नहीं अभी नहीं किया we are focusing on government school, यहां पर देहरादून में दो तीन .. कालेज , डीओआईटी हो गया ग्राफिक ईरा हो गया
रिपोर्टर – एक और समस्या थी इनका पट्टा चल रहा है
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)—…. कौन से में
रिपोर्टर.. लक्सर लक्सर
रिपोर्टर… तो वहां गांव वालों ने जो रास्ता है वो रोक रखा है, तो एक दूसरा रास्ता है तो उसमें रेंजर है वो बोल रहा है रास्ता लेलो… लेकिन डीएफओ रास्ता देने के लिए मना कर रहा है
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)—कौन है डीएफओ
रिपोर्टर— नाम पूछकर बताते हैं, मैं पूछ कर आता हूं
रिपोर्टर— आकाश वर्मा
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12.11 पर वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— डीएफओ हरिद्वार
रिपोर्टर—जी उसके अंडर आएगा ये पूरा…लक्सर
ये गैंडीखाता से अंदर जा रहा है गुर्जर बस्ती है जहां उसके पैरलल भी एक रोड है, वहां से भी निकने दें तो . झाड़ी खड़ी है वहां पर झाड़ी साफ हो जाएगी पेड़ नहीं आ रहा उस पर , बस्ती से भी रोड बंद कभी कोई दिक्कत नहीं रहेंगी वहां पर, गुर्जर परेशान करते हैं फिर वो …
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— कितना लंबा रास्ता है वो
रिपोर्टर – करीबी तीन चार सौ मीटर
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— तीन चार सौ मीटर
रिपोर्टर नहीं वो नहीं जहां से जंगलात पड़ रहे है वहां से कितना है वही चार सौ मीटर
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— चार सौ मीटर पर जंगलात है
कासिम दलाल का साथी……
दरअसल परसों क्या हुआ कि ट्रक गए होंगे ना तो वहां तो इनकी गांव वालों ने हाथापाई कर दी , ड्राइवर को मार दिया,वो गांव के बीच में से जा रहा है ना रस्ते के बीच में से रोड…. वो जिनकों मानते है उनके ट्रक तो चल रहे हैं वहां से ,बाकियों के जिनके पट्टे हुए हैं नए नए उनके ट्रक नहीं जाने दे रहे
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— अच्छा
वीरेंद्र किसी कोफोन लगाते हुए
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— हैलों हां विपिन, कहां है इधर आ रहा है क्या , सचिवालय, कहां पर है, जल्दी उसको फोन दे
हैलो नमस्कार जी नमस्कार क्या हाल हैं, ठीक हैं, और आजकल क्या है रमजान का वो चल रहा होगा अरे, हमारे नहीं चल रहे हैं ना अरे बात तो सुन अरे आनंदवर्धन (प्रमुख सचिव.खनन) को कहना था वो भेजना था वो पौड़ीऔर इन्होने एक चिट्ठी भेजी थी डीएम पौड़ी को और उसमें एक लाइऩ खा गए थे और वो बात हो चुकी है त्रिवेंदर की आनंदवर्धन से पिछले हफ्ते, वो खनन के लिए मशीन मंगाने वाला , मशीन मशीन लगती है ना जेसीबी वगैरह उसके लिए वो था उसमें एक लाइन खा गए थे उसमें संशोधन करके भेजना था
तो वो जो बात हुई थी भेजना था तो भेजा क्यों नहीं मुझे खनन में मशीन की परमीशन का जो पत्र है वो भेजा क्यों नहीं … कल आउंगा, ठीक है ठीक है …
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किसी और को फोन लगाते हुए
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— हां विपिन आजा भई आजा ठीक ठीक
फोन रखने के बाद जनरल बातचीत ट्रैफिक जाम औऱ ब्रेकफास्ट के ऊपर और फोन पर जानकारी लेने के बाद बताता है कि टिहरी महोत्सव 25-26-27
रिपोर्टर आप वहां जा रहे हैं
वीरेंद्र सिंह रावत (सीएम का भाई)— नहीं
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आयुष गौड़…..हम आपको इसकी लिस्ट दे देंगे ,MLAS ने लिखा है
हम एजुकेशन सेक्रेटरी से दो बार मिल चुके है
भतीजा… कहां पे
आयुष गौड़…. सरकारी स्कूल में
भतीजा.. एफिलेशन तो उसी की है
आयुष गौड़…. हम सरकारी स्कूल पर फोकस कर रहे हैं
आयुष गौड़ कहता है कि हम इस प्रोजेक्ट(रोबोटिक्स) को दिल्ली सरकार के साथ भी कर रहे हैं और लगभग 150 स्कूल कवर कर रहे हैं मैं आपको फोटोग्राफ्स दिखाता हूं
भतीजा….सीबीएसई के रीजनल ऑफिसर(डायरेक्टर) हैं उनसे मिल लो उनका जो रीजन है वो नोएडा तक पड़ताहै नॉर्थ इंडिया वहां ज्यादा हेल्प मिलेगी आपको बात कर लेते हैं मुझे डाउट है उत्तराखंड सरकार इसको प्रमोट नहीं करेगी
आयुष गौड़.. पू्छिए आज मीटिंग हो सकती है क्या
भतीजा कहताहै कि हैं चाचा जी ठीक रहेगा ना यहां नहीं करेंगे तीन हजार रुपये नहीं देंगे 1500 भी नहीं देंगे पैसे ही नहीं हैं सरकार के पास.. हां यूपी में करानी है तो बात की जा सकती है
इस पर आयुष गौड़ पांच सौ रुपये का कमीशन ऑफर करते हुए कहता है कि
आयुष गौड़….इसमें हमने मार्जिन रखा है 500 रुपये पर स्टूडेंट जो कुछ भी होगा हम इस बारे बात कर लेगें …
फाइल के बारे में भतीजा पूछताहै ये हमारे लिए है आयुष गौड़ हां कहता है
तभी भतीजा सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर को फोन लगाकर रोबोटिक्स की प्रिजेंटेशन के बारे में बताते हुए आयुष गौड़ की उनसे मीटिंग कराने के लिए पूछता है कि जब समय हो आप बता दो…… पांच सात दिन की बात होती है तभी भतीजा चाचा जी के पास होने की बात कह कर फोन सीएम के भाई की ओर बढा देता है
इधर आयुष गौड़ भतीजे से पूछता है कि आप एजुकेशन बिजनेस में हो क्या कासिम ने बताया था इसपर भतीजा हामी भरकर अब समय ना होने की बात कहता है
महत्वपूर्ण
14 .35 पर भतीजा आशीष नाम के शख्स से पूछता है और बता आशीष
भतीजा….एसडीएम ने थोड़ी सी गड़बड़ कर दी कल निकलेगा आज फोटो आ जाएगी हमारे पास….
आशीष वो परेशान कर रहे थे बहुत
भतीजा… लेट हो गया ना थोडा… जे सीबी की परमीशन मिल जाएगी क्या दिक्कत है
पंद्रह बीस दिन का तो काम ही है …सौ ट्रक रोज निकालने हैं मुझे
बीच में सीएम का भाई वीरेंद्र रावत पूछता है कौनसा वाला
भतीजा बताता है कोटद्वार वाला
सीएम का भाई कहता है कि नाम नहीं आणा
सीएम का भतीजा कहता है कि आने दो नाम आएगा तो बदनाम होंगे तभी तो नाम आएगा फिर जोर जोर से सब हंसने लगते हैं …..
इसके बाद किसी से बीस टका कमीशन मांगने की बात करते हैं दोनो चाचा भतीजे
भतीजा कहता है कि मेरा नाम तो तुम मे से किसी ने लिया होगा फिर कहता है कि सीएम साहब की नीति है निगलेक्ट करो रिएक्ट ही मत करो
तभी कासिम दलाल कहता है कि चाचा जी को बता दो कि करा दें ये वाला भतीजा पूछताहै कौनसा वाला कासिम कहता है गैणीखाता की तरफ वाला और कासिम भतीजे को फोन में लोकेशन दिखाने लगता है
और कहता है कि बागड़ी अधिकारी रास्ता देने से मना कर रहा है
वीरेंद्र रावत पूछताहै कि एप्लीकेशन दे दी थी तुम लोगों ने इस पर कासिम बताता है कि डीएफओ ने परमीशन दे दी थी लेकिन बस्ती वालों ने झगड़ा करके रोक दिया…..
वीरेंद्र एप्लीकेशन देकर एक कापी उन्हे देने की बात कहता है …..
इसके बाद सीएम का भाई वीरेंद्र और भतीजा मीटिंग खत्म करते हैं और आयुष कासिम और आशीष सीएम के पुराने रेजिडेंस जो कि डिफेंस कालोनी में है वहां से निकलते हैं ये पूरी मीटिंग रेजिडेंसके फर्स्ट फ्लोर पर चल रही थी
बाहर आने के बाद कासिम आशीष अंदर हुई बातचीत का हवाला देते हुए आयुष से बात करते हैं … और मीटिंग में हुई बातचीत को दोहराते हैं……
क्या है पूरा मामला
10 अगस्त 2018 को उमेश कुमार पर FIR हुई और उसके बाद 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया ..
एफआईआर पर हाई कोर्ट ने टिप्पणी भी की कि इस मामले मे FiR नही बनती है !
रांची में भी उमेश पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया इस बिनाह पर कि वह उत्तराखण्ड सरकार को गिरा रहे हैं !
17 नवम्बर को उन्हे पुलिस कस्टडी में रहने के बावजूद उनके ऊपर कई तरह के आरोप लगाए गये लेकिन इन मामलों दम न होने के कारण उमेश की जमानत हो गई और सरकार की तथा सीएम की काफी किरकिरी हुई थी।
उन यह आरोप लगाया गया कि वह स्टिंग ऑपरेशन करा रहे थे।
सीएम का भतीजा बातचीत समाप्त करने के बाद सीएम के पुराने रेजिडेंस C 130, डिफेन्स कॉलोनी, देहरादून से बाहर निकलते हैं ! पूरी मीटिंग रेजिडेंस के फर्स्ट फ्लोर पर चल रही थी !
मीटिंग में आयुष , कासिम और आशीष नामक व्यक्ति मौजूद था !
वीडियो में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के भाई वीरेंद्र रावत और भतीजा का एक खनन मामले और स्कूल में कमीशन की बात करने को दिखाया गया है !
बातचीत में कोई कासिम नामक शख्स है जो खनन मामले पर बातचीत मे दिखाया गया है !