कमल जगाती
ब्रेकिंग न्यूज़, नैनीताल :- उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने विकास नगर के हरबर्टपुर में पेड़ काटने और कॉलोनी बनाने के मामले में विकास नगर के 2013 के सिविल जज को गलत पाया है । वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जर्नल को निर्देश जारी कर कहा है कि विकास नगर के सिविल जज(एस.डी.)द्वारा 22 अक्टूबर 2013 को अधिकार से बाहर का आदेश जारी किया था जिसके आदेश की कॉपी वो मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख रखें तांकि उचित आदेश जारी किये जा सकें ।
अनुज कंसल की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए आज उच्च न्यायालय ने अपने सात पन्नों के आदेश में कहा है कि सिविल कोर्ट ने आरोपी अतिक्रमणकारी को गलत अनुमति दी थी । न्यायालय ने ये भी कहा है कि अवैध निर्माण विकास प्राधिकरण की नाख के नीचे हुआ है । न्यायालय ने कहा कि कागजों के माध्यम से जानकारी मिली है कि असंख्य पेड़ों का कटान हुआ जिसकी जानकारी वन विभाग और कृषि विभाग को दी गई थी लेकिन उसमें कोई कार्यवाही नहीं कि गई है । न्यायालय ने राज्य सरकार से पुलिस उप महानिरीक्षक(आई.जी.)के नेतृत्व वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(एस.आई.टी.)बनाकर साड़ा के तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज करने को कहा है । न्यायालय ने सरकार से तीन माह के भीतर ग्रुप हाउसिंग पर नियंत्रण करने वाला कानून बनाने को भी कहा है । न्यायालय ने राज्य सरकार से ये भी कहा है कि राजस्व भूमि के अंतर्गत कृषक भूमि को किसी भी प्रकार के ग्रुप हाउसिंग के कार्यों में इस्तेमाल नहीं करने दिया जाए ।
यह है आदेश के मुख्य बिंदु