गिरीश गैरोला/उत्तरकाशी
पाँच डाक्टरो ने किया अस्पताल मे जॉइन. तीन और डॉ के आने कि उम्मीद. एक हफ्ते मे तैयार हो जाएगा सीटी स्कैन यूनिट. बिजली विभाग पर कनैक्शन देने मे लेट – लतोफ़ी का आरोप. जिला अस्पताल के एक मात्र फिजीसीयन के तबादले के बाद यहा पहुचे डॉ ध्यानी को भेजा यात्रा ड्यूटि. जिला अस्पताल के मरीज बेहाल ।
सीमांत जनपद उत्तरकाशी मे स्वास्थ्य विभाग कि तरफ से 8 नए डोक्टेर्स के भेजेने के फरमान के बाद कम से कम जिला अस्पताल मे तो अच्छे दिन आने कि उम्मीद बढ़ गयी है | प्रभारी सीएमएस डॉ शिव कुढ़ियाल की माने तो पाँच डॉ ने अस्पताल मे जॉइन कर दिया है जबकि तीन और डॉ को अभी आना बाकी है | फिजीसीयन डॉ रौतेला के स्थान पर कोटद्वार से डॉ जगदीश चंद्र ध्यानी ने उत्तरकाशी जॉइन तो कर लिया है किन्तु अभी वे 9 अगस्त तक यमनोतरी मार्ग पर यात्रा ड्यूटि कर रहे है | वर्षो से ईएनटी के बिना चल रहे जिला अस्पताल मे इस समय डॉ विजय बौंठियाल ईएनटी सर्जन ने भी जॉइन कर लिया है किन्तु अभी वे भी जर्नी लीव मे चल रहे है |इसके अलावा डॉ मीनू रावत गायनी और डॉ नेहा पांगति आंखो की डॉ ने भी जॉइन कर लिया है | इस बार उत्तरकाशी मे अनेस्थेसिया के तीन तीन डॉ भेजे गए है | वारिस्थ रेडियोलोजिस्ट और प्रभारी सीएमएस डॉ शिव कुढ़ियाल ने बताया कि सीटी स्कैन यूनिट तैयार ही गयी है मशीन का इंसटालेसन होना बाकी है एक सप्ताह मे यूनिट तैयार हो जाएगी | बिजली का कनेक्सन मिलने मे देरी हो रही है |सीटी स्कैन लाग्ने के बाद गंभीर बीमारियो का स्थानीय स्तर पर ही इलाज संभव हो सकेगा | उन्होने कहा है कि जिला अस्पताल मे आपातकालीन कक्ष और आईसीयू का होना बेहद जरूरी है इसके लिए प्रस जारी है | अस्पताल के कुछ कमरो को पुनर्गठित कर वीआईपी और प्राइवेट कक्ष का निर्माण किया जाएगा ताकि इन पेड़ वार्ड से अस्पताल का राजस्व भी बढ़ सके |
उत्तरकाशी जिला अस्पताल के एकमात्र फिजीसियन के तबादले के बाद उत्तरकाशी पहुचे डॉ दूसरे फिजीसीयन जगदीश चत्द ध्यानी को जॉइन कराने के बाद यात्रा मार्ग पर ड्यूटि के लिए जानकीचट्टी भेज दिया गया | उत्तरकाशी जिला अस्पताल से बैरंग वापस लौट रहे गंभीर मरीज, निजी अस्पताल मे महंगे अस्पताल मे इयलज की बन गयी मजबूरी | मानसून के चलते यात्रा मार्ग पर न के बराबर है यात्री| जनपद उत्तरकाशी के अलावा टिहरी जनपद के प्रताप नगर के मरीज भी लेते है जिला अस्पताल की सेवा | स्वस्थ्य विभाग के इस फैसले के खिलाफ उठन लगे सुर.
महिला अस्पताल मे लिफ्ट विगत 6 साल से बंद
उत्तरकाशी महिला अस्पताल के तीन मंज़िला भवन मे लगी लिफ्ट वर्षो से बंद पड़ी है | 7 अप्रैल 2011 कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसका उदघाटन किया था | प्रसूता महिलाओ और गंभीर मरीजो की सुविधा के लिए लिफ्ट का प्रविधान किया गया था| निर्माण के समय से ही लिफ्ट बंद पड़ी है ऐसे मे इसके लगाए जाने पर ही सवाल खड़े हो गए है आखिर लाखो की लागत से लगी लिफ्ट क्यू बंद पड़ी है ? नाम न छापने कि शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि सुरुवाती दिनो मे एक बच्चे के लिफ्ट मे फंस जाने के बाद लिफ्ट को बंद कर दिया गया था जो आज तक नहीं खुल सकी | महिला अस्पताल मे अपना सीएमएस नहीं है लिहाजा जिला अस्पताल का प्रभारी सीएमएस डॉ शिव कुढ़ियाल की गैर मौजूदगी मे प्रभारी डॉ एसडी सकलानी ही इसका भी प्रभार देख रहे है लिहाजा उनका भी टका सा जबाब है कि उन्हे इस बारे मे जानकारी नहीं है कि लिफ्ट क्यू और कब से बंद पड़ी है |
सवाल ये है कि जिस मकसद से लाखो खर्च करके लिफ्ट लगवाई गयी थी वो क्यू बंद पड़ी है इसकी पड़ताल करने कि किसी ने जरूरत भी नहीं समझी.
कहां थूके बीमार मरीज?
छडॉ के कक्ष के सामने घंटो अपनी बारी का इंतजार करने वाले मरीजो ने दीवार पर टंगे इस साइन बोर्ड की तरफ उंगली उठाते हुए सवाल कियाकी आखिर वो कहा थूके | कोई थूक दान भी तो नहीं, बाहर थूका तो 200 रु का जुर्माना है | अपनी कतार तोड़कर यदि बाहर थूकने जाते भी है तो फिर लाइन टूटने का और अपनी बारी निकालने का डर भी है।