कहीं ऐसा तो नहीं कि आप भी संगीत में इस कदर डूब गए हों कि आपके कान पर घंटी बजने जैसी आवाज सुनाई देने लगी हो। यदि ऐसा है तो आपको कान पर लीड ठूंसने वाली आदत त्यागनी पड़ेगी।
जी हां, लगातार कान पर ईयर फोन डालकर गाने सुनने वाले युवाओं के लिए यह बुरी खबर है। जो टिनीटिस नाम की बीमारी प्राय: बुजुर्ग लोगों में पाई जाती थी, उसके लक्षण आजकल के किशोरों से लेकर ४० से कम उम्र के लोगों में भी दिखाई देने लगे हैं।
दरअसल टिनीटिस की मुख्य वजह ईयर फोन को बताया जा रहा है। लंबे समय तक कान में लीड डालने से कानों में लगातार ऐसी छम-छननननन की आवाज गूंजने लगती है कि व्यक्ति डरने लगता है और भ्रमित हो जाता है कि उसे कोई आवाज दे रहा है या फिर उसके घर के बाहर कोई है। इसके अलावा कानों में घंटी की आवाज, सीटी बजने जैसा, फुफकार तथा चींचीं करने जैसे विभिन्न तरह के स्वर सुनाई देने लगते हैं।
इसका मुख्य कारण यह है कि आज के दौर का युवा सामान्य आवाज में लाउडस्पीकर पर गाने सुनने की बजाय ईयर फोन से सुनना ज्यादा पसंद करता है। लंबी यात्रा करने के दौरान भी ९० परसेंट युवाओं के कानों में ईयर फोन ठूंसे हुए दिखाई देते हैं। इसके अलावा स्वयं को अत्याधुनिक समझने वाले युवा शादी-पार्टियों के अलावा क्लब में पार्टी के नाम पर ऊंचे स्वर में डीजे पर थिरकते रहते हैं। यही नहीं, अधिकांश युवाओं को आदत पड़ चुकी है कि कान में ईयर फोन से गाना सुनते हुए ही नींद आती है। ऐसे में उन्हें नींद आ जाती है और वे फोन बंद करना भूल जाते हैं। सुबह जब उनकी नींद खुलती है तो मोबाइल की चार्जिंग खत्म हो चुकी होती है। यानि की जब तक चार्ज था, गाना बजते रहे। यही कारण है कि टिनीटिस नाम की बीमारी कानों को प्रभावित करनी शुरू कर देती है। बाद में धीरे-धीरे यह बीमारी व्यक्ति को बहरेपन का शिकार बना देती है। यह बात सायकोअकाउस्टिक परीक्षण करने के बाद सामने आई है।