डी.जी.पी.साहब होशियार, देहरादून पुलिस भी लखनऊ पुलिस की तरह फजीहत कराने पर है आमादा,रातभर रहा पीड़ित युवक अवैध हिरासत में:
देहरादून,30 सितंबर। देश मे लखनऊ पुलिस की बहादुरी के चर्चे अभी थमे भी नही है कि देहरादून पुलिस ने अपना करतब दिखा दिया।
बस गनीमत ये रही कि गोली नही मारी सिर्फ अवैध हिरासत और गाली,डंडे और थप्पड़ों से ही काम चला लिया,क्या करें बेचारा पीड़ित युवक, देहरादून का तो है नही,बाहर का नम्बर है गाड़ी का तो पुलिस को लगा, दिखा दो बहादुरी, रातभर अवैध हिरासत में रखा रामपुर के लाल को, ख़ातिर अलग,दबाव अलग पैसे देने का,शुक्र है हज़ारों का ही दबाव है। लाख से कुछ कम।
चौंकने वाली बात ये है कि रामपुर के पीड़ित युवक की टोयोटा इनोवा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, युवक को चोट लगी और हादसे को जन्म देने वाला बस ड्राइवर पुलिस वालों के साथ बैठकर चाय की चुस्कियों का लुत्फ उठाता रहा,हमारी बहादुर पुलिस की तो मानो लॉटरी लग जाती है देहरादून से बाहर का नम्बर देखकर, गलती किसी की भी हो दोषी तो वो है जिसकी गाड़ी का नम्बर बाहर का है।
तो हमारी बहादुर पुलिस ने वो ही किया। पीड़ित युवक को रातभर अवैध हिरासत में रखा,एक न सुनी और दबाव बनाते रहे कि बस वाले को 80-90 हज़ार का इंतज़ाम कराओ, रातभर जो भी आया पीड़ित युवक की खातिर करता रहा।
फ़िलहाल मामला शहर के पुलिस कप्तान प्रदीप राय की जानकारी में मीडिया के माध्यम से आ गया है। देखते हैं न्याय और विभाग के तराजू में कौन सी नज़र अपना असर दिखायेगी।
दरसअल पूरा मामला 29सितम्बर की रात लगभग 11 बजे मसूरी डाइवर्जन का है जब पीड़ित युवक अपनी इनोवा गाड़ी से अपने परिवार को कही ड्रॉप करके घंटाघर की तरफ लौट रहा था और घंटाघर की तरफ से एक टूरिस्ट बस राजपुर की तरफ लापरवाही से तेज़ गति को ग्रहण किये हुए थी दोनो का संतुलन बिगड़ गया जिसमें पीड़ित युवक की नई इनोवा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और बस में मामूली सी टूटफूट हो गयी,बस फिर क्या था बस वाले ने और हमारी बहादुर पुलिस ने इनोवा पर बाहर का नम्बर देखा और टूट पड़े,फिर अवैध हिरासत,दबाव,मारपीट, गाली-डंडे,अवैध वसूली का दबाव। क्या कुछ नही हुआ थाना राजपुर रोड के बहादुरों द्वारा,पीड़ित युवक का दर्द मीडिया के माध्यम से साहब बहादुर तक पहुँचा है।
देखते है क्या होता है लेकिन ये कटु सत्य है कि देहरादून पुलिस किसी न किसी दिन उत्तराखंड पुलिस का नाम यू.पी.पुलिस से ऊंचा ज़रूर कर उठा देगी,इसीलिए डी.जी.पी. साहब इनकी हरकतों पर ज़रा नज़र रखिए !