जगदंबा कोठारी
गैरसैंण राजधानी आंदोलन मुकाम तक पहुंचाने का आह्वान
आमरण-अनशन के समर्थन में आंदोलनकारियों ने जिला और ब्लाॅक मुख्यालयों पर दिया धरना
अनशनकारियों के समर्थन में गैरसैंण जाएगी आंदोलनकारियों की टीम
रुद्रप्रयाग। गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग और राजधानी के लिए आमरण-अनशन कर रहे आंदोलनकारियों के समर्थन में जिला मुख्यालय के साथ ही जखोली और अगस्त्यमुनि ब्लाॅक में आंदोलनकारियों ने धरना दिया। इस मौके पर आंदोलनकारियों ने निर्णय लिया कि संघर्ष समिति की एक टीम गैरसैंण में आमरण-अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों के समर्थन में 31 जनवरी को गैरसैंण जाएगी। साथ ही आंदोलन की अग्रिम रणनीति पर भी मंथन किया गया। इस दौरान संघर्ष समिति ने राज्यपाल को भी एक ज्ञापन भेजा।
जिला मुख्यालय में पुराने विकास भवन के सम्मुख गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के बैनर तले धरना देते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि सरकार को अब आयोगों का गठन बंद कर देना चाहिए। आयोगों के कारण जनता की गाढ़ी कमाई खाक में मिल रही है और पहाड़ का विकास रसातल पर जा रहा है। कभी दीक्षित आयोग, कभी परिसीमन आयोग और अब पलायन आयोग। इन आयोगों का आज तक लोगों को रत्ती भर का भी लाभ नहीं मिला है। आंदोलनकारियों ने कहा कि पूरे देश में उत्तराखंड एक मात्र ऐसा राज्य है, जिसकी अपनी स्थायी राजधानी नहीं है। उत्तराखंड अकेला ऐसा पर्वतीय राज्य है, जिसकी राजधानी पहाड़ में नहीं है। अस्थायी रूप से देहरादून से राजधानी संचालित हो रही है। जब उत्तर-प्रदेश राज्य पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ, उसमें राजधानी का उल्लेख नहीं किया गया। इस तरह उत्तराखंड पूरे देश में अनोखा राज्य है।
आंदोलनकारियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार को जल्द विधानसभा में गैरसैंण स्थायी राजधानी का प्रस्ताव पारित करना चाहिए। हमें ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन राजधानी नहीं चाहिए। हमें एक ही राजधानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गैरसैंण राजधानी बनने से ही पहाड़ की ज्वलंत समस्याओं का का निराकरण होगा। सभी को एकजुट होकर इस लड़ाइ को अंजाम तक पहुंचाना होगा।
धरने पर वरिष्ठ आंदोलनकारी जगतराम सेमवाल, एडवोकेट केपी ढौंडियाल, पुरूषोत्तम चन्द्रवाल, प्यार सिंह नेगी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र झिंक्वाण, विनोद डिमरी, कृष्णानंद डिमरी, जेएस बिष्ट, देवेन्द्र चमोली, सत्यपाल नेगी, पूर्व सैनिक राय सिंह रावत, बुद्धिबल्लभ ममगाई, राधाकृष्ण गैरोला, देवचन्द्र, कुलदीप राणा, नरेश भट्ट, संदीप भट्कोटी, केएल आगरी, विजय सिंह नेगी, बंटी जगवाण, अजय राणा, छात्र नेता ओमी, प्रदीप चैधरी, रमेश नौटियाल, मोहित डिमरी आदि मौजूद थे।
वहीं अगस्त्यमुनि में आंदोलनकारियों ने ब्लाॅक कार्यालय के सम्मुख धरना दिया। धरने पर हरीश गुसाईं, रमेश बेंजवाल, दीपक बेंजवाल, अनसूया मलासी, लखपत राणा, लक्ष्मण सिंह नेगी, विनोद नौटियाल, आशा प्रसाद सेमवाल, हेमंत फरस्वाण, सुनील राणा समेत कई आंदोलनकारी मौजूद थे।
जखोली में भी स्थायी राजधानी को लेकर आंदोलनकारियों ने धरना दिया और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। धरने पर रामरतन सिंह पंवार, प्रधान संगठन के ब्लाॅक अध्यक्ष महावीर पंवार, शशि नौटियाल, गोविंद सिंह पंवार, हर्षवर्द्धन नैथानी, ललिता प्रसाद भट्ट, सुरेन्द्र प्रसाद सकलानी, आशीष राणा, हरीश काला समेत अन्य लोग मौजूद थे।