कांग्रेस तोड़कर आठ और विधायकों को लेकर भाजपा में आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा उत्तराखंड में नई सरकार आने के बाद सार्वजनिक मंचों से बहुत दूर हैं। शुरुआत में बहुगुणा ने बहुत तेजी दिखाई, किंतु जैसे ही बहुगुणा को यह मालूम हुआ कि भारतीय जनता पार्टी में ७५ वर्ष की उम्र पूरी होते ही सक्रिय राजनीति समाप्त होने का नियम बन गया है, बहुगुणा को बहुत बड़ा झटका लगा। बहुगुणा ने बड़ी आशाओं और उम्मीदों के साथ कांग्रेस तोड़ी थी, किंतु वे आखिर तक चुनाव से पहले हरीश रावत की कुर्सी खाने में नाकाम रहे। आजकल विजय बहुगुणा त्रिवेंद्र रावत के कार्यालय के इर्द-गिर्द चुपचाप आते-जाते दिख रहे हैं। कोई कहता है अपने नवनिर्वाचित विधायक बेटे को काम सिखा रहे हैं, कोई कहता है अपने जमाने की फाइलों के दुरुस्तीकरण का कार्य कर रहे हैं। इस बीच जब से आए बहुगुणा भ्रष्टाचार हुआ सौ गुना का नारा भी भाजपाइयों द्वारा फिर से उछालने की तैयारी है, ताकि बागियों को मुखर होने का अवसर न मिल सके।