पर्यटन में साइकिल कल्चर को मिलेगा बढ़ावा। 13 अप्रैल को हरसिल से गंगोत्री तक साईकल प्रतियोगिता। 20 नौजवानों को पर्यटन विभाग दे रहा प्रशिक्षण।
अगले यात्रा काल से एक अप्रैल से साहसिक पर्यटकों को मिलेगी अनुमति। भोजवासा में लगेगी ट्रॉली गौमुख पर बोझ होगा कम।
अगली प्रतियोगिता नेलांग बॉर्डर पर करने की संभावना
गिरीश गैरोला
विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत और जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान ने 20 नौजवानों के एक ग्रुप को 6 दिन के प्रशिक्षण के बाद हरसिल से गंगोत्री तक साइकिल रेस का आयोजन कर पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहल शुरू की है। पर्यटन विभाग के सहयोग से इन नौजवानों को पहाड़ों पर साईकल चलाने के गुर सिखाये जाएंगे। जिसके बाद 13 अप्रैल को हरसिल से हरसिल से गंगोत्री तक की साईकल राइडिंग प्रतियोगिता की जाएगी।
पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री ने बताया कि फिलहाल 7 साईकल पर्यटन विभाग ने खरीद ली है जो भविष्य में भी साइकिल को प्रमोट करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देते रहेंगे। इस बीच मोरी में पर्यटकों को पहाड़ में साइकिल का रोमांच देने वाले स्थानीय टूर ट्रेवल एजेंट के सहयोग से 20 साइकिल इस इवेंट के लिए विशेष रूप से मंगाई जा रही है।
डीएम उत्तरकाशी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि तीन बार अंतराष्ट्रीय स्तर की साईकल प्रतियोगिता होने के बाद अब यह इवेंट साहसिक पर्यटन के रूप में कैलेंडर इवेंट बन चुकी है। हालांकि अभी धीरे धीरे इसमें और सुधार होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बात के प्रयास किये जा रहे हैं कि गंगोत्री घाटी के कई अनछुए स्थलों से होकर साइकिल प्रतियोगिता की जाए, जिसमे नेलांग घाटी में साईकल चलाना अपने आप मे थ्रिल से भरा हुआ होगा जिसके लिए प्रयास किये जा रहे है।
विधायक गंगोत्री गोपाल रावत ने बताया कि साहसिक पर्यटन का धार्मिक पर्यटन के अंतर्गत चार धाम के कपाट खुलने बंद होने से कोई सीधा संबंध नही है। फिर भी लंबे समय से चली आ रही परम्पराओं में ट्रेकिंग और मॉन्टेनियरिंग के लिए भी पट खुलने का इंतजार करना पड़ता था। जिसे अगले वर्ष से एक अप्रैल कर दिया गया है।
अब पर्वतरोहण और ट्रेकिंग के लिए साहसिक पर्यटन के शौकीन एक अप्रैल से उच्च हिमालय का रुख कर सकेंगे। इसके अलावा भोजवासा से आगे तपोवन जाने के लिए ट्रॉली लगाई जाएगी। इसके बाद बिना गौमुख को नुकसान पहुचाये आगे बढ़ा जा सकेगा। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय पूर्व लाल ताल के टूटने से गौमुख का मार्ग बाधित हो गया था और पर्यटक तपोवन होकर इससे आगे नही जा पा रहे थे। ट्रॉली लगने से गौमुख को नुकसान पहुंचाये बिना पर्यटक आगे बढ़ सकेंगे।
देश विदेश से धार्मिक और साहसिक पर्यटन के लिए पहाड़ों का रुख करने वाले पर्यटक अब स्थानीय स्तर पर आधुनिक साइकिल लेकर प्रकृति का आनंद ले सकेंगे। इससे साइकिल कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। पर्यवरण तो सुरक्षित होगा ही,ज्यादा समय तक पर्यटक के रुकने और साइकिल से घूमने से एक नया रोजगार भी पैदा होगा।