पिथौरागढ़ जिले के तहसील मुनस्यारी के अंतर्गत एक जुलाई को हुई अत्यधिक वर्षा के कारण पेयजल, मोटर मार्ग, पैदल मार्ग आदि क्षतिग्रस्त हो रखे हैं लेकिन शासन प्रशासन 18 दिन बाद भी इन आपदाग्रस्त क्षेत्रों की कोई सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीण विषम परिस्थितियों में घायलों को बमुश्किल अस्पताल तक पहुंचा पा रहे हैं।
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मुनस्यारी के गोरी पार क्षेत्र के बसंतकोट, बोथी रिंगू चुलकोट आदि क्षेत्रों में पेयजल और सड़क मार्ग ध्वस्त हो गए हैं। यह आवागमन के लिए भी नहीं खोले जा सके हैं। हालत यह है कि गौरी पार के ग्राम बोथी के कुशाल सिंह बोथ्याल को चट्टान से पत्थर गिरने के कारण उनका पैर टूट गया तो पार्वती देवी के सर पर पत्थर गिरने से चोट लग गई लेकिन मुख्यालय आने के लिए कोई यातायात की सुविधा नहीं होने से और हेलीकॉप्टर की भी सुविधा ना मिलने से इन्हें हीरा सिंह चिराल आदि गांववासी तथा खोज राहत दल के लोग किसी तरह ट्रॉली आदि के सहारे चिकित्सालय मुनस्यारी तक ला पाए।
खुशाल सिंह बोथ्याल पांव में परसों फ्रैक्चर आ गया था लेकिन वह 2 दिन तक अपने गांव में ही पड़े रहे। शासन-प्रशासन से हेलीकॉप्टर की मांग की लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं हो सका।
इस दौरान क्षेत्र मे स्थानीय विधायक के साथ ही उप जिलाधिकारी तथा तहसीलदार आदि अधिकारियों ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जरूर जायजा लिया।
मुनस्यारी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हीरा सिंह चिराल ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर जल्दी ही आपदाग्रस्त क्षेत्रों के मार्गों को ठीक करने और आपदा प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री तथा सरकारी मदद देने की मांग की है।
श्री चिराल का कहना है कि अभी तक प्रशासन की तरफ से आपदा प्रभावित क्षेत्रों को 18 दिन बाद भी कोई राहत सामग्री और सरकारी मदद नहीं दी गई है।
उत्तराखंड सरकार ने आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कराने के लिए काफी दावे किए हैं लेकिन यह हकीकत आज बहुत ही गांव के खुशाल सिंह बोथ्याल को यह सुविधा न मिलने से बेपर्दा हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि शासन-प्रशासन इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर पुनरावृति से बचेगा। क्षेत्र में घायल को 108 सेवा तथा हेलीकॉप्टर तक न मिलने से आक्रोश भी है।