ठेकेदारी के रजिस्ट्रेशन में पेपर वर्क पूरे ना होने के एवज में की जाती है वैकल्पिक व्यवस्था?
मीडिया के सामने खुली अधिकारी की पोल मीडिया कर्मियों को नहीं पहचानते थे ठेकेदार।
गिरीश गैरोला//
यदि आपको ठेकेदारी का रजिस्ट्रेशन चाहिए और आपके पास पेपर फॉर्मेलिटी पूरी नहीं है तो निराश ना होइए। लोक निर्माण विभाग उत्तरकाशी के प्रांतीय खंड में इसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है । यह बात अलग है कि मीडिया के सामने पोल खुलती देख अधिशासी अभियंता ने न सिर्फ ठेकेदार को फटकार लगाई बल्कि अपने कर्मचारियों को भी नसीहत दी कि जब तक अंदर बैठे व्यक्ति का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक किसी अन्य व्यक्ति को ऑफिस में ना भेजा जाए ।
दरअसल लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी के इच्छुक कुछ लोग रजिस्ट्रेशन के कार्यलय में पहुंचे थे जिनके पास अनुभव प्रमाणपत्र सहित कुछ दस्तावेज अपूर्ण थे । लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली के अनुरूप उन्हें बड़े साहब के पास यह कहकर भेज दिया गया कि बड़े साहब यदि अपनी चिड़िया बैठा देंगे तो उनका काम हो जाएगा । ऑफिस में पहले से ही तिलोथ पुल निर्माण में लेटलतीफी को लेकर डीएम द्वारा की गई कार्यवाही पर अधिशासी अभियंता के बयान लेने पहुंचे मीडिया कर्मियों को ठेकेदार पहचानते नहीं थे। लिहाजा उन्होंने मीडिया के कैमरे के सामने ही लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है की बड़े साहब की चिड़िया बैठाने के बाद की रसीद काटी जाएगी । मीडिया के सामने पोल खुलते देख अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को प्रॉपर चैनल आने की बात कही । इतना ही नहीं संबंधित कर्मचारी को भी तलब कर दस्तावेज पूरे करने के बाद ही उनके कक्ष में भेजने के निर्देश दिए । पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मीडिया का कैमरा सब कुछ रिकॉर्ड कर चुका था।
वीडियो में साफ दिख रहा है के रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए फॉर्म में कई स्थानों पर संबंधित कर्मचारियों के दस्तखत नहीं है। इसके अलावा अनुभव प्रमाण पत्र भी नहीं लगा है। इसके बावजूद विभागीय कर्मचारियों द्वारा ठेकेदार को बड़े साहब के पास चिड़िया बैठाने के लिए भेजने का अर्थ आसानी से लगाया जा सकता है।
नोट: उक्त घटना का रिश्वतखोरी से कोई ताल्लुक नहीं है।हाँ इतना जरूर है कि भ्रष्टाचार को आम जनता ने सहज अपना लिया है और इसे सामान्य घटना के रूप में देखा जाता है।