भारी विरोध के कारण निकाह के बावजूद वापस लौटी हिंदू युवती!
कल रात दो समुदायों की बीच भारी झड़प के बाद एक जोड़ा सिर्फ इसलिए अलग हो गया क्योंकि वह अलग-अलग धर्मों से थे और धर्म के ठेकेदारों को उनका एक साथ जीना मरना पसंद नहीं था ।
देहरादून में भगत सिंह कॉलोनी निवासी तनवीर का एक स्थानीय हिंदू धर्म की युवति से प्रेम प्रसंग काफी लंबे समय से चल रहा था। हालांकि घरवालों को यह मंजूर नहीं था किंतु उन्होंने एक दूसरे के साथ निकाह भी कर लिया था और कोर्ट में विवाह के पंजीकरण की अर्जी लगाई हुई थी।
इसी बीच बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इसकी भनक लगी और उन्होंने तनवीर को एक दुकान के पास से उठा लिया ।तनवीर दुकान पर अपना मोबाइल ठीक कराने के लिए आया हुआ था। बजरंग दल के युवाओं ने तनवीर की खूब पिटाई की और उसे आराघर चौकी ले आए। इस बीच मुस्लिम बिरादरी के सैकड़ों जानने वाले लोग भी तनवीर के पक्ष में चौकी पर आ गए और हंगामा इतना बढा कि दोनों पक्ष थाने में ही भिड़ गए। बढते बवाल को देखते हुए कई थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई ।आखिरकार पुलिस ने दोनों पक्षों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और दोनों पक्षों को थाने से बाहर खदेड़ दिया। कुछ समय बाद एसडीएम और एसपी सिटी की मौजूदगी में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्ष शांत हो गए।
बवाल इतना बढ चुका है कि युवती के परिजन और उसकी सहेलियां युवती से मिले और उसको समझाया कि इस तरह से दो समुदायों के बीच हमेशा टकराव और तनाव की स्थिति बनी रहने से तो ज्यादा बेहतर है कि दोनों जोड़े अलग हो जाएं और इस तरह से दोनों की प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया।
किंतु इस पर इस से भी अधिक हैरानी इस बात से है कि दोनों पक्षों की प्रेम कहानी को मौके पर हंगामे के 2 घंटे बाद पहुंचे प्रिंट मीडिया ने इसे छेड़छाड़ का रूप दे दिया ।
प्रिंट मीडिया में लगभग सभी अख़बारों ने यह लिखा है कि एक मुसलमान युवक हिंदी युवती का काफी लंबे समय से पीछा कर रहा था और युवती इससे परेशान थी। जाहिर है कि ऐसा कुछ भी नहीं था क्योंकि दोनों ने काफी दिन पहले ही निकाह कर लिया था और मर्जी से साथ रह रहे थे।
उन्होंने कोर्ट में अपने विवाह की अर्जी भी लगाई हुई थी तो ऐसे में छेड़खानी का मामला कहीं से भी नहीं बनता था ।
जाहिर है कि प्रिंट मीडिया भी बजरंग दल के लोगों के दबाव में आकर यह सब लिख बैठा। हालांकि मुस्लिम समुदाय और हिंदू समुदाय की ओर से कुछ समझदार लोगों के कारण बीच बचाव किया गया और यह छोटी सी बात सांप्रदायिक रंग लेने से बच गई।