उत्तराखंड में एनएच 74 घोटाले के प्रकरण से लपेटे में आए दोनो ias पंकज कुमार पांडे तथा चंद्रेश कुमार यादव को आखिरकार सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कल शाम 10 सितंबर को ही इस मामले की फाइलें तलब की थी। पिछले दो-तीन दिन से धीमी गति के कारण आलोचना का शिकार हो रहे मुख्यमंत्री ने आखिरकार सरकार की छवि को दुरस्त करने के लिए यह बड़ा कदम उठा ही दिया।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने आज एक आदेश में कहा कि इन दोनों आईएएस अधिकारियों को नियम विरुद्ध कई गुना मुआवजा स्वीकृत करने तथा नियम विरुद्ध लैंड यूज चेंज करने के आरोप में वृहद दंड दिया जा सकता है। “लिहाजा इन्हें सस्पेंड किया जा सकता है।” निलंबन की अवधि के दौरान यह दोनों अधिकारी अपर मुख्य सचिव कार्यालय से संबंध रहेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल में पटवारी भर्ती घोटाले के आरोप में तो तत्कालीन जिलाधिकारी एस के लम्बा बर्खास्त भी हुए थे।इस मामले मे आईएएस राजकुमार सस्पेंड हुए थे तथा विनोद सिंह का डिमोशन कर दिया गया था।
इन दोनों ias अधिकारियों से एसआईटी पहले तथा दूसरी दौर की पूछताछ कर चुकी थी। दोनो ias के जवाब प्राप्त करने के बाद एसआईटी ने शासन के स्तर पर डाल दिया था कि इस मामले में आगे विभागीय जांच होगी अथवा एस आई टी ही यह जांच जारी रखेगी। सस्पेंड होने के बाद दोनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
एनएच 74 घोटाले में मामला काफी हाईलाइट हो जाने के बाद सरकार को भी यही उचित लगता है कि भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस का इससे सही मैसेज जाएगा।