राजेश आर्य/रुड़की
ब्रिटिश शासनकाल में रुड़की गंगनहर पर बना लोहे का झूला नीला पुल मौत को दावत दे रहा है। इस पुल की हालत ऐसी है कि यहां कभी भी हादसा हो सकता है। उक्त नीला पुल काफी पुराना एवं बहुत कमजोर हो गया है।
अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अनुसार पुल पर सूचना पट्ट अंकित है कि पुल पुराना है और कमजोर है। इस पर गुजरना मना है, हादसा कभी भी हो सकता है, लेकिन फिर भी प्रतिदिन हजारों लोग इस पुल से गुजरते हैं। इस लोहे के झूला नीला पुल की सूचना पट्ट अंकित चेतावनी एवं हाल ही में पुल को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि पुल से कई जगह से सीसी सीमेंट की परत उखड़ गई है और उसमें लोहे की परत इतनी कमजोर हो गई है कि उसमें कई जगह पर बड़े छेद हो गए हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीचे नहर में बहता पानी साफ दिखाई देने लगा है।
इसकी पूर्वी दिशा में पुल पर लगी लोहे की रोलिंग भी टूट गई है, जबकि इस पुल पर पर रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन होता रहता है। कुछ समय पहले सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश ने पुल को पुराना एवं कमजोर देखते हुए पुल के दोनों सिरों पर लोहे की रोलिंग लगा दी थी, लेकिन पूर्व दिशा की रोलिंग टूट गई है। बावजूद इसके पैदल लोगों के अलावा मोटरसाइकिल लेकर भी लोग धड़ल्ले से गुजर रहे हैं।
इस पुल की मरम्मत को लेकर न तो उत्तर प्रदेश सरकार न सिंचाई विभाग और न ही उत्तराखंड सिंचाई विभाग ही कोई कदम उठा रहा है। रुड़की ग्रीन सिटी क्लीन सिटी होने के बावजूद भी अपनी बेरुखी का रोना रो रहा है। यहां शासन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
सूत्रों के अनुसार यह पुल भगवान भरोसे चल रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन इस ओर ध्यान देने की जरूरत ही नहीं समझ रहा है। यही नहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की ओर से भी इसकी अनदेखी की जा रही है। जबकि यह पुल पुराना और इतना कमजोर है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस संबंध में रुड़की के नागरिकों ने सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश एवं सिंचाई विभाग उत्तराखंड से कमजोर पुल की मरम्मत कराए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि यह पुल रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा के आवास से सटे रुड़की गंगनहर पर स्थित है। बावजूद इसके विधायक भी इस पुल के बाबत किसी अधिकारी को इस संबंध में निर्देशित करने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। ऐसे में क्षेत्रीय जनता में विधायक प्रदीप बत्रा व शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शहरवासी सवाल कर रहे हैं कि यदि इस पुल पर कोई हादसा होता है तो क्या इसके जिम्मेदारी शहर विधायक प्रदीप बत्रा लेंगे?