विभिन्न खेल संघों में कई पदाधिकारी उत्तराखंड की बच्चियों के साथ अनैतिक कृत्य करते हैं। उन्होंने खिलाड़ी बच्चियों का जीवन बर्बाद कर दिया है।
उत्तराखंड के खेल मंत्री अरविंद पांडे के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं किंतु पुख्ता सबूत होने के बावजूद अरविंद पांडे खेल संघों के पदाधिकारियों को सुधर जाने के लिए ताकीद कर रहे हैं और साफ तौर पर चेतावनी दे रहे हैं कि अब ऐसा और नहीं चलने वाला। उनके पास ऐसे ऐसे सबूत हैं कि वह पदाधिकारियों के खिलाफ धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर सकते हैं।
ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि पर्वतजन के पाठक इस वीडियो में कैबिनेट मंत्री को यह कहते हुए साफ-साफ सुन सकते हैं।
बड़ा सवाल यह है कि जब कैबिनेट मंत्री के पास इतने पुख्ता सबूत हैं तो वह मुकदमा दर्ज करा क्यों नहीं देते ! मुकदमा दर्ज न कराने के पीछे कैबिनेट मंत्री का आखिर क्या स्वार्थ है !
यह ऐसा अपराध है कि इसका पुलिस स्वतः संज्ञान भी ले सकती है। यह एक संगीन अपराध है और यदि सरकार के कैबिनेट मंत्री के पास सबूत है, तो उन्हें यह भी भली भांति पता होगा कि अपराध के सबूत होने के बावजूद अपराध छुपाना और सिर्फ चेतावनी देकर ऐसे अपराधियों को बचाना भी बचाना भी एक अपराध है।
उत्तराखंड सरकार के खेल मंत्री अरविंद पांडेय आजकल खेल संघों के खिलाफ बेहद आक्रमक हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि 17 सालों में अपनी राजनीति चमकाने के लिए और व्यक्तिगत स्वार्थों के चलते खेल संघों के पदाधिकारियों ने खेल को रसातल में पहुंचा दिया है।
कैबिनेट मंत्री कहते हैं कि कुछ थर्ड ग्रेड के लोगों ने क्रिकेट की यह हालत कर दी है कि उत्तराखंड के बच्चों को दूसरे राज्यों से खेलना पड़ रहा है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे कहते हैं कि खेल संघों से हर तरह की अनुनय-विनय करके देख ली है। अब यदि वह उत्तराखंड के खेलों को और खिलाड़ियों को दलालों के हाथ से नहीं बचा पाए तो उन्हें खेल मंत्री होने का कोई हक नहीं है।
मंत्री ने पदाधिकारियों को सुधर जाने की अंतिम नसीहत देते हुए कहा कि वह वैध-अवैध किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं। मंत्री जी कहते हैं-” किसी भी सीमा तक का मतलब किसी भी सीमा तक! इसका मतलब आप लोग जो चाहे जो मर्जी निकाल सकते हो! आप स्वतंत्र हो”!
जाहिर है कि कैबिनेट मंत्री कारण चाहे कुछ भी हो लेकिन अब खेल संघों के खिलाफ आर या पार की मुद्रा में है। खेल संघों का तो जो भी हो, किंतु यदि कैबिनेट मंत्री के उपरोक्त बयान पर गौर किया जाए, जिसमें वह कह रहे हैं कि उनके पास रेप के पुख्ता सबूत हैं तो फिर इस पर सरकार का कौन सा विभाग संज्ञान लेगा, यह एक लाख टके का सवाल है !
पर्वतजन के सुधि पाठकों से अनुरोध है कि इस खबर को इतना शेयर कीजिए कि मंत्री जी का यह बयान सिर्फ सुर्खियों तक सीमित न रह कर अंजाम तक पहुंच सके।