उत्तराखंड सरकार ने आज प्रमुख सचिव मनीषा पंवार से ग्रामीण विकास आयुक्त तथा पंचायती राज जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए।
आईएएस विनय शंकर पांडे से सभी डिपार्टमेंट हटाकर उन्हे उधमसिंह नगर में एक जिला स्तरीय प्राधिकरण की कुर्सी पर पटक दिया गया है।
मनीषा पंवार पिछले दिनों अपने पति तथा पूर्व नौकर शाह उमाकांत पंवार की पैरवी के लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से तकरार को लेकर चर्चा में आई थीं।
उमाकांत पंवार के खिलाफ चार्जशीट किए जाने को लेकर हो रही तैयारियों की भनक मनीषा पंवार को भी लग गई थी। वह इसी संदर्भ में राधा रतूड़ी से मिलने गई थी।
दूसरी ओर विनय शंकर पांडे के खिलाफ आज विधानसभा में विधायक निवास की अव्यवस्था का मुद्दा विधायकों ने उठाया। जाहिर है कि यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं था उनसे केवल राज्य संपत्ति विभाग हटाकर इसकी इतिश्री की जा सकती थी किंतु सरकार ने उनसे खनन विभाग के साथ राज्य संपत्ति भी हटाकर उन्हें सचिवालय से ही बाहर कर दिया। इसके पीछे खनन विभाग में कई दिनों से हो रही विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं भी जिम्मेदार थी। इसके चलते उन्हें उधम सिंह नगर के जनपद स्तरीय विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर भेजा गया है।
उनकी जगह आईएएस दीपेंद्र चौधरी को निदेशक खनन की जिम्मेदारी दी गई है और आईएस बृजेश संत को अपर सचिव खनन तथा सूचना प्रौद्योगिकी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। रंजीत कुमार सिन्हा को पंचायती राज विभाग में प्रभारी सचिव बनाया गया है। इसके अलावा पीसीएस अधिकारी बंशीधर तिवारी को अपर सचिव राज्य संपत्ति के पद से नवाजा गया है। अपर सचिव बीआर टम्टा को हिंदी अकादमी का सचिव दायित्व दिया गया है। वह पहले से ही अपर सचिव भाषा जनगणना और जनजाति निदेशालय के निदेशक पद पर हैं।
रामविलास यादव को पुराने पदभार के साथ साथ ग्राम विकास आयुक्त बनाया गया है। अपर सचिव देवेंद्र पालीवाल को अपर सचिव आयुष विभाग के पद पर तैनात किया गया है। पीसीएस अधिकारी डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी को अपर आवास आयुक्त के पद के साथ-साथ एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पद पर भी तैनात किया गया है।