चैंपियन के बाद बहुगुणा ने बेटे को भी भेजा अमित शाह के पास
त्रिपुरा में पांच दशक पुरानी कम्युनिस्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने वहां एक नारा दिया है ‘चलो पलटाई’। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए उलट-पलट करने वाले 18 मार्च 2016 को कांग्रेस की सरकार में बगावत कर अचानक सुर्खियों में आए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा एक बार फिर चर्चा में हैं। विजय बहुगुणा पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के आवास पर हुई चाय पार्टी में भी शामिल हुए और चाय पार्टी की सफलता के बाद उन्होंने वहीं पर सार्वजनिक रूप से पूर्व मुख्यमंत्री निशंक को पहले तो चाय पार्टी की बधाई दी, फिर कहा कि यह तो बहुत छोटी पार्टी थी, जल्द ही इससे भी शानदार पार्टी होगी।
नौ विधायकों के साथ उत्तराखंड में सबसे बड़ी बगावत करने वाले विजय बहुगुणा के पास आज भी न सिर्फ विधायकों की अच्छी-खासी संख्या है, बल्कि धन बल की भी कमी नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह और विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा की नई दोस्ती भी भाजपा के बीच सुर्खियां बटोर रही हैं।
विजय बहुगुणा की इस बात के बाद सियासत बड़ी तेजी से बदली। बीमारी का बहाना बताकर दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर सहयोग समर्पण कार्यक्रम से दूर रहने वाले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास पहुंच गए। इस बीच सोशल मीडिया में खबरें फैलने लगी कि उत्तराखंड के भाजपा के बहुत से विधायक अपनी नाराजगी जताने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। त्रिपुरा दौरा छोड़कर दिल्ली पहुंचे अमित शाह के साथ विजय बहुगुणा के बेटे की मुलाकात के बाद उत्तराखंड का राजनैैतिक तापमान एक बार फिर गर्म हो चला है।
18 मार्च 2016 को सरकार पलटने वाले विजय बहुगुणा तब से लगातार भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच पैठ बनाने में लगे हुए हैं। कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बाद बहुगुणा केे सितारगंज से विधायक बेटे सौरभ बहुगुणा का अमित शाह से मिलना वास्तव में संयोग नहीं है। हालांकि सौरभ बहुगुणा ने अमित शाह से मुलाकात को सितारगंज के विकास कार्यों से जोड़कर बताया, किंतु सारी दुनिया जानती है कि अमित शाह न तो सरकार में हैं और न सितारगंज से पलायन करने वाली फैक्ट्रियों को रोकने की जिम्मेदारी अमित शाह के पास है, न वे उत्तराखंड में कोई सरकार आदेश देने में सक्षम हैं।
सूत्रों के अनुसार चैंपियन द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को कही गई बातों को बल देने के लिए विजय बहुगुणा ने चाय पार्टी में शामिल होने के बाद अपने विधायक बेटे सौरभ के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के आवास पर एक बैठक की। विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री रहते ‘जब से आए बहुगुणा, भ्रष्टाचार हुआ सौ गुणा’ का नारा देने वाले अजय भट्ट की बहुगुणा के साथ ये नजदीकियां मुख्यमंत्री की कुर्सी की कशक के रूप में भी देखी जा रही है। अजय भट्ट से मंत्रणा के बाद ही सौरभ बहुगुणा को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया।
देखने वाली बात यह है कि अब चैंपियन के बाद सौरभ बहुगुणा की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के ‘मिशन सक्सेस’ को किस प्रकार धरातल पर उतारती है।