जम्मू कश्मीर के आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले में घायल जवान राकेश रतूड़ी शहीद हो गए।
राकेश रतूड़ी उक्त आतंकी हमले में घायल हो गए थे और वही के आर्मी अस्पताल में आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस खबर से देहरादून के बड़ोवाला क्षेत्र में उनके घर में शोक की लहर दौड़ गई है। वह अपने पीछे पत्नी और 19 वर्षीय पुत्री किरण तथा 18 वर्षीय पुत्र नितिन को छोड़ गए हैं।
44 वर्षीय राकेश रतूड़ी मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के थलीसैण ब्लॉक के सांकर गांव के रहने वाले थे। शहीद राकेश के चाचा शेखरानंद देहरादून में कर्मचारी नेता हैं।
गौरतलब है कि सुजवां के इस आतंकी हमले में एक जेसीओ और 6 जवान शहीद हो गए थे। राकेश रतूड़ी एनएसजी कमांडो भी थे और हाल ही में उनका ट्रांसफर लद्दाख हो गया था, लेकिन उनकी रेजिमेंट ने उन्हें अभी तक ट्रांसफर नहीं किया था।
इस हमले में आतंकी आर्मी कैंप में घुसकर परिवारों के बने हुए कमरों में बैठ गए थे। बेस कैंप को निशाना बनाने की यह उड़ी के बाद दूसरी घटना है। पिछले शनिवार को आतंकी तड़के सुबह 4:00 बजे सेना के कैंप में जाकर फैमिली क्वार्टर में छुप गए थे। राकेश की शहादत से उत्तराखंड का आम जनमानस भी गमजदा है।