पंचेश्वर और लखवाड़ व्यास परियोजना पर जमकर बोली उमा भारती
उत्तरकाशी की लोहारीनाग – पाला और पाला- मनेरी परियोजना पर साधी चुप्पी।
गिरीश गैरोला
अपने उत्तरकाशी दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री उमा भारती नहीं उत्तराखंड में शुरू हो रहे 5600 मेगावाट के पंचेश्वर जल बिधुत परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके शुरू होने के बाद कई राज्यों को पीने का पानी और सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सकेगा ।उन्होंने कहा कि सूबे की लखवाड – व्यास परियोजना को भी मंजूरी दी जा चुकी है।
इसके अलावा गंगा ग्राम और गंगा के लिए ₹2000 करोड़ मंजूर किए जा चुके हैं । हरिद्वार और ऋषिकेश में तो काम शुरू करने के टेंडर भी हो गए हैं । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी बेटी की तरह कोई भी खुशी की बात अपने मा बाप के पास सबसे पहले कहने में होती है वही उन्हें उत्तराखंड में महसूस होता है।हालांकि ऊत्तरकाशी जनपद में बंद पड़ी लोहारी नाग पाला और पाला मनेरी जल विद्युत परियोजना के फिर से शुरू होने पर उमा भारती ने चुप्पी साध ली।
गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखवा को गंगा ग्राम में शामिल न करने से नाराज तीर्थ पुरोहित।मुखवा गंगा का मुख्य वास – इसे गंगा ग्राम करने की घोषित करने की जरूरत ही नहीं- उमा भारती का बयान
उत्तरकाशी के सीमांत बगोरी गांव को गंगा ग्राम घोषित करने के बाद गंगा तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखवा की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा कि मुखवा गंगा का मुख्य वास है , यह पहले से ही घोषित गंगा ग्राम है इसे घोषित करने की जरूरत ही नहीं ।उन्होंने कहा इस संदर्भ में उनकी वार्ता DM से हो चुकी है और वह अपने स्तर से आवश्यक निर्देश भी जारी कर चुके हैं इसके अलावा मुखवा से जांगला तक सड़क निर्माण की तीर्थ पुरोहितों की मांग पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा ये उनकी जानकारी में है । उन्होंने कहा कि पौराणिक नियमों के अनुसार मां गंगा की डोली इसी पैदल मार्ग से मुखवा से गंगोत्री धाम की तरफ प्रस्थान करती है जिसे बदलना संभव नहीं है लिहाजा इस सड़क के निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी से भी वार्ता हो चुकी है , उत्तराखंड की सरकार और डीएम ऊत्तरकाशी को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। जिसके बाद गंगोत्री विधायक गोपाल रावत द्वारा उन्हें बताया गया कि इस संबंध में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तेजी से तैयार हो रही है। उन्होंने नाराज तीर्थ पुरोहितों को निश्चिंत रहने का भरोसा दिया और कहा कि मुखवा , गंगा का मुख्य वास है इसलिए ही इसे मुखवा कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त तीर्थ पुरोहितो के मुखवा गाव में झरने से गिर रहे जल को तालाब में एकत्र कर पीने के लिए योजना तैयार करने और मंदिर के पास हो रही टूट फुट को ठीक करने के लिए पिछले डीएम को प्रोजेक्ट बनाने के लिए निर्देश दिए गए थे। जिस पर तेजी से काम सुरु होने वाला है।
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती का उत्तरकाशी दौरा। गंगा ग्राम बागोरी प्रोजेक्ट एवं स्वजल पायलट प्रोजेक्ट का बीरपुर डुंडा में किया शुभारंभ
उत्तराखंड के वित्त पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत की मौजूदगी में केंद्रीय स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री उमा भारती ने उत्तरकाशी के डूंडा वीरपुर गांव में गंगा ग्राम बगोरी प्रोजेक्ट एवं स्वजल पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि 22 वर्ष पूर्व जिस स्वजल परियोजना का शुभारंभ उत्तराखंड में हुआ था आज एक बार फिर से इसकी शुरुआत सुदूर जनपद उत्तरकाशी के से की जा रही है। स्वजल परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत के लिए बनी टास्क फोर्स के अध्यक्ष के रूप में प्रकाश पंत को नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऊत्तरकाशी के बाद यह परियोजना पूरे देश में शुरू होगी । उत्तरकाशी के बगोरी गांव में ग्रामीण पेयजल के लिए 32 .90 लाख की योजना का शुभारंभ करते हुए उमा भारती ने कहा कि ग्रामीण पेयजल योजना के साथ-साथ स्वजल परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया गंगा किनारे 6000 गांव ओडीएफ हो चुके हैं और अब इसके अगले चरण ओडीएफ प्लस की तरफ बनने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा उत्तराखंड के 10 स्थानों को आइकोनिक प्लेस के रूप में चिन्हित किया गया है जिसमें चयनित गंगोत्री धाम को ओएनजीसी के द्वारा दिए गए फंड से सुसज्जित एवं विकसित किया जाएगा । केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभिनव प्रयोगों में से नमामि गंगे की 20,000 करोड़ की योजनाओं में से अलग-अलग 17 हजार करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ हो चुका है ।
गंगोत्री धाम को आइकोनिक प्लेस में शामिल करने के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने उमा भारती का धन्यवाद दिया किंतु उन्होंने उम्मीद जताई कि गंगोत्री धाम के विकास के लिए इको सेंसिटिव जोन में सरकार कहीं ना कहीं रियायत बरतेगी ।
उत्तराखंड के पहाड़ों भी महिलाएं जवान ही नहीं होती है बल्कि बचपन से सीधी बूढ़ी हो जाती है। पहाड़ की महिलाओं का अधिकतम वक्त पीने के पानी को लाने में व्यतीत हो जाता है- केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान
प्रोजेक्ट के शुभारंभ पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि पहाड़ो में बर्फ वारी की खबर सुनकर दिल्ली से दो चार दिन पहाड़ो में एक दूसरे पर बर्फ के गोले फेंकने वालो को लगता है कि यहां की नदियो में पर्याप्त जल मौजूद है। उत्तराखंड की पहाड़ी महिलाओं को होने वाली दिक्कतों का खुलासा करते हुए मंत्री उमा भारती ने कहा कि यहां की महिलाएं जवान होने से पहले ही बूढ़ी हो जाती है । उत्तराखंड में पहाड़ की महिलाओं का अधिकतम समय पीने के पानी को ढोने में ही बर्बाद हो जाता है । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बारे में देश और दुनिया की यह धारणा है कि यहां पर बहुत मात्रा में बर्फ और नदियां मौजूद है किन्तु हकीकत यह है कि यहां नदियां बेहद गहराई में हैं और वहां से पानी लाने ले जाने में ही महिलाओं की उम्र निकल जाती है।
सरकारों का गंगा को साफ करने का दावा एक धोखा है – उमा भारती का बयान
गंगा ग्राम बगोरी प्रोजेक्ट के उद्घाटन के मौके पर उत्तरकाशी पहुंचेगी केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी सरकार गंगा को साफ करने का दावा करने के धोखे में न रहे। गंगा को उसके किनारे रहने वाले लोगों ने ही बचाए रखा है । उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में गलत प्लानिंग के चलते गंगा के किनारे हुई बसावट के बाद गंगा में गंगा में अधिक मात्रा में गंदगी जाने का सिलसिला शुरु हुआ है, लिहाजा मोदी सरकार के हिस्से में पिछले सरकारों के 70 वर्षों में किए गए पापों का प्रायश्चित ही आया है जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी नहीं तीन उपाय बताए हैं जिसमें पहला पिछली सरकार के अच्छे कामों को जारी रखना दूसरा पिछली सरकार के बिगड़े हुए कामों को ठीक करना और तीसरा कुछ नई योजनाओं को शामिल करना है।
अमीरी और गरीबी के बीच अंतर को पाटने के लिए जनभागीदारी जरूरी -उमा भारती का बयान।
ऊत्तरकाशी के गंगा ग्राम बगोरी प्रोजेक्ट में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा देशभर में संसाधनों बंटवारा ऐसा है कि 1% लोग के पास 73 प्रतिशत संसाधन मौजूद हैं जबकि बाकी के 99% लोगों को 27% संसाधन से काम चलाना है ।उत्तराखंड की खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि एक ओर जहां देश में एक अमीर व्यक्ति जन्मदिन के तोहफे के रुप में अपने पत्नी को 300 करोड रुपए का जहाज गिफ्ट करता है। वहीं उत्तराखंड में एक गरीब अपनी पत्नी को प्रसव के लिए कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाता है। उसके बाद भी उसे पूरी तरह से अस्पताल में सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं । उन्होंने कहा कि अमीरी और गरीबी के इस बड़े अंतर को पाटने के लिए जन सहभागिता वाले कार्यों को अपनाना होगा । उन्होंने कहा 22 वर्ष पूर्व उत्तराखंड से ही शुरू हुए स्वजल परियोजना के सफल परीक्षण के बाद एक बार फिर से उत्तरकाशी जनपद से इस परियोजना की शुरुआत की जा रही है , जिसके बाद पूरे देश में स्वजल परियोजना का अपनाया जाएगा।
उत्तराखंड की महिला किसी शेरनी से कम नहीं -उमा भारती का बयान
उत्तरकाशी के गंगा ग्राम बमोरी प्रोजेक्ट के शुभारंभ पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती उत्तराखंड की पहाड़ी महिलाओं के जज्बे की तारीफ करते हुए उन्हें शेरनी करार दिया उन्होंने कहा उत्तराखंड के पहाड़ की महिला तेंदुए और भेड़िये से भी भिड़ने का दम रखती हैं और गाय के चारे के लिए पहाड़ी के ऐसे खतरनाक स्थान से घास काट कर लाती हैं जहां आम आदमी का पहुंचना भी संभव नहीं। ऐसे स्थान पर चीता भले ही फिसल कर गिर सकता है किंतु महिलाएं वहां से घास काट कर अपने जानवरों के लिए लेकर आती है। वही पीने के पानी के लिए गहरी खाई उतर कर पानी लाती है । उमा भारती ने कहा उज्ज्वला योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के पहाड़ी महिलाओं के चूल्हा फंक कर खाना पकाने की समस्या का समाधान तो पीएम मोदी ने कर ही दिया है उन्होंने कहा दूसरे चरण में स्वजल परियोजना का शुभारंभ उत्तराखंड से ही किया जा रहा है इसके बाद देश के 5 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे अपनाया जाएगा।
गंगा ग्राम -गंगा के प्रति समर्पण का एक अभियान है
उत्तरकाशी के बगोरी गांव को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिए गए गंगा ग्राम के शुभारंभ पर उत्तरकाशी पहुंचे सूबे के पेयजल और स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत ने कहा गंगा नदी के 25 00 किलोमीटर के सफर में बसने वाले चार हजार पांच सौ गांव में गंगा के सफाई स्वच्छता और उसके प्रति समर्पण का भाव जागृत करने के लिए गंगा ग्राम का कांसेप्ट लाया गया है। दो हजार पांच सौ किलोमीटर गंगा के सफर में 132 गांव उत्तराखंड के भी सामिल हैं । इन सभी गांव में जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा जिसके बाद गांव की मूलभूत आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति के लिए प्रयास किए जाएंगे , साथ ही इन गांव को ऑर्गेनिक गांव में परिवर्तित करने की योजना है । इतना ही नहीं गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर काम शुरू किया जाएगा, जिसके लिए गांव के बच्चे , नौजवान, वृद्ध और महिलाओं का गंगा के प्रति समर्पण का भाव जागृत करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान सुरु किए जाएंगे ।उत्तराखंड राज्य में उत्तरकाशी के बागोरी गांव में सबसे पहले गंगा ग्राम योजना का शुभारंभ किया गया है । हालांकि पूरे प्रदेश में अभी 3 गांव को पायलट प्रोजेक्ट गंगा ग्राम के रूप में चयनित किया गया है जिसमें उत्तरकाशी का बगोरी गांव , देहरादून का वीरपुर खुर्द गांव और पौड़ी का माला गाव शामिल है ।इसके साथ ही दूसरी बार प्रदेश में शुरु की जा रही स्वजल परियोजनाओं के अंतर्गत सामुदायिक सहभागिता के आधार पर ग्रामीण अपने संसाधनों के आधार पर योजनाओं का नियोजन और निर्माण करेंगे उनका रखरखाव भी करेंगे । कबीना मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि उत्तरकाशी जनपद की 709 बस्तियो में अभी भी पेयजल की दिक्कत है, जबकि राज्य भर में 17070 बस्तियां ऐसी हैं जिनको अभी भी न्यूनतम 40 लीटर प्रति व्यक्ति की तरह से पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । इन सभी गांव को समय-समय पर गंगा ग्राम में अंगीकृत किया जाएगा ताकि सभी गांव को पेयजल की आपूर्ति संभव हो सके और सामुदायिक सहभागिता के आधार पर संसाधनों के उपयोग से गावो का सम्पूर्ण विकास हो सके।