ऋषिकेश विधानसभा से हैट्रिकधारी विधायक सूबे के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल और ऋषिकेश नगर निगम की पहली मेयर अनिता ममगाई के बीच इन दिनों राजनैतिक द्वंद चरम पर है। अनिता ममगाई को मेयर का टिकट मिलने के बाद इन दोनों के बीच की खाई और गहरी हो गई है। खाई के मूल में २०२२ का विधानसभा का टिकट है, जिसे दोनों लोग हर हाल में हासिल करना चाहते हैं।
अनिता ममगाई के मेयर बनने के बाद शपथ ग्रहण समारोह के लिए न तो अनिता ममगाई ने क्षेत्रीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल को फोन कर आमंत्रण दिया, न किसी अधिकारी ने उन्हें बुलाने की जुर्रत समझी। एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हाथों भेजे गए निमंत्रण से प्रेमचन्द अग्रवाल नाखुश हो गए और उन्होंने मेयर के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाने में ही समझदारी समझी। उस दिन प्रेमचन्द अग्रवाल के शपथ ग्रहण समारोह में न पहुंचने पर भी खूब राजनीति गरमाई कि प्रेमचन्द अग्रवाल अब मेयर अनिता ममगाई को अपना प्रतिद्वंदी मानने लगे हैं। दोनों के बीच तनातनी की खबरें तो ऋषिकेश में सामान्य थी।
चूंकि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते प्रेमचन्द अग्रवाल पार्टी कार्यक्रमों में नहीं जा सकते। इस बीच अनिता ममगाई भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम के लिए गुजरात गई तो प्रेमचन्द अग्रवाल ने उसी दिन ऋषिकेश में ढाई करोड़ रुपए की लागत से त्रिवेणी घाट के सौंदर्यीकरण योजना का शिलान्यास कर डाला, ताकि पार्टी कार्यक्रमों में राजनैतिक लाभ लेने के लिए गई अनिता ममगाई को नगर निगम क्षेत्र में गच्चा दिया जा सके।
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर हुए इस कार्यक्रम की उस दिन भी चर्चा हुई कि अचानक अनिता ममगाई की अनुपस्थिति में कार्यक्रम करवाने की क्या जल्दी थी। इस बीच अनिता ममगाई भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल होने के लिए दिल्ली गई तो विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल के सामने वही संकट खड़ा हो गया कि वो चाहकर भी भाजपा के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते थे। अग्रवाल ने उसी दिन ऋषिकेश में एक ऐसे कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो तीन महीने पहले हरिद्वार में विधिवत रूप से प्रारंभ किया जा चुका था। उस दिन नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत १५८ करोड़ की लागत से विश्व बैंक पोषित आईएंडडी एवं २६ एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के भूमि पूजन कार्यक्रम करवा दिया गया।
देखना है कि मेयर और विधानसभा अध्यक्ष के बीच की यह जंग क्या मोड़ लेती है।