उत्तराखंड भाजपा में यौन उत्पीड़न का शिकार युवती ने भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल का एक ऐसा स्टिंग कर डाला, जिसका जवाब देते भाजपा नेताओं से नहीं बनेगा।
इस स्टिंग में एक तो यह खुलासा होता है कि भाजपा का दलित प्रेम केवल सियासी ड्रामा है। दूसरा इस बात का खुलासा होता है कि भाजपा को अपराधियों को भी टिकट देने से कोई गुरेज नहीं है यदि वह जिताऊ उम्मीदवार है।
देखिए वीडियो
इस वीडियो में विनय गोयल कह रहे हैं कि “यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति है और कोई कहे कि वह शराब और सट्टे के कारोबार में नहीं है तो भूल ही जाओ।”
बातचीत में विनय गोयल ने कहा कि देहरादून के “चुख्खूवाला वार्ड से भाजपा पार्षद का टिकट जिस व्यक्ति को दिया गया है, सब जानते हैं कि उसकी असलियत क्या है ! लेकिन क्योंकि वह श्योर शाॅट विनर है, इसलिए उसे टिकट दिया गया है।”
विनय गोयल आगे बताते हैं कि अनुसूचित जाति व्यक्तित्व गलत धंधों में स्वाभाविक रूप से ही रहते हैं यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति है और वह शराब और सट्टे जैसे गलत धंधों में नहीं है तो यह एक गलतफहमी है।
गौरतलब है कि देहरादून में सभी टिकट भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल के हस्ताक्षर से ही दिए जाते हैं।
विनय गोयल की इस बात से ही यह तो खुलासा हो ही जाता है कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के प्रति भाजपा की क्या सोच है !
दूसरा खुलासा यह हो जाता है कि भले ही कोई व्यक्ति कितना भी गलत धंधों में संलिप्त क्यों नहीं हो लेकिन यदि वह जिताऊ है तो भाजपा उसे टिकट जरूर देगी। जाहिर है कि विनय गोयल का यह बयान अपराधियों का मनोबल बढ़ाने वाला है।
महिलाओं के सम्मान की पोल तो यौन उत्पीड़न का शिकार युवती ने खोल ही दी है। अब अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के प्रति भाजपा की क्या सोच है और अपराधियों से भाजपा की क्या सांठगांठ है इसकी पोल भी खुल गई है।
प्रदेश की जनता को याद होगा कि 20 सितंबर 2017 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देहरादून बलवीर रोड स्थित वाल्मीकि बस्ती में दलित परिवार मुन्नालाल और सरोज देवी के आवास पर भोजन करके अस्पृश्यता और भेदभाव समाप्त करने का संदेश दिया था।
इसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, मुख्यमंत्री तथा प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी शामिल हुए थे।
इस कार्यक्रम का गोदी मीडिया ने व्यापक प्रचार-प्रसार किया था, किंतु देखना यह है कि भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल के इस खुलासे के बाद गोदी मीडिया के कैमरे कहां दुबक जाते हैं !!
भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल के इस खुलासे के बाद यह साफ हो जाता है कि बाल्मीकि बस्ती में दिखाया गया भाजपा का वह दलित प्रेम महज एक सियासी ड्रामा था।
सियासी ड्रामे की एक हकीकत यह भी है कि उसके बाद मुन्ना लाल ने पार्षद का टिकट मांगा था लेकिन उसे टिकट नहीं दिया गया जबकि मुन्नालाल पिछले 12 वर्षों से भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता है।
इस पर मुन्ना लाल के एक करीबी व्यक्ति ने उसी दौरान यह टिप्पणी भी कर दी थी कि असली प्रेम तो तब दिखता, अगर भाजपा नेता मुन्ना लाल और उसके परिवार को अपने घर में बुलाकर घर के सदस्यों के बीच एक ही डाइनिंग टेबल पर खाना खिलाते।
बात में वाकई दम है क्योंकि मुन्नालाल का जीवन रत्ती भर भी नहीं बदला।
देखना यह है कि विनय गोयल के बयान का डैमेज कंट्रोल भाजपा किस तरह से करती है !