भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के जुमलों का बढ़ा चढ़ाकर बखान करने वाली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा में ही दिनदहाड़े जमकर अवैध खनन हो रहा है। इस पर भाजपा तथा मुख्यमंत्री के ही अत्यंत करीबी नेताओं
का एकछत्र राज है।
इस थाना क्षेत्र का भी अवैध खनन को खुला संरक्षण है तो क्षेत्र के SDM कुसुम चौहान भी इस तरफ झांकने की न तो हिम्मत रखती हैं और न ही उनकी इच्छा है।
यदि भाजपा के जीरो टॉलरेंस की हकीकत देखनी है तो इन वीडियो को देख लीजिए। मुख्यमंत्री की विधानसभा की ही नदी में हजारों वर्ग मीटर क्षेत्रफल में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है।
नदी में दिनदहाड़े उतरी पोकलैंड मशीनों से नदी का सीना कई जगह 40-40 फुट तक गहरा खोद डाला है। मानक यह है कि नदी को पांच फुट से अधिक नही खोदा जा सकता।नदी मे पोकलैंड मशीन भी नही जा सकती। खनन नदी के मध्य मे ही किया जा सकता है।
दर्जनों की संख्या में ट्रक, ट्रॉली और डंपर नदियों में उतरे हुए हैं। इन मशीनों ने खोद-खोद कर नदी को कितना गहरा पहुंचा दिया है। दिन भर मे सैकड़ों गाड़ियाँ दिन दहाड़े निकलती हैं। नदी में अवैध खनन करने वाले यह सभी लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं और अब खनन से अंधाधुंध पैसा कमाकर माफिया बनने की ओर अग्रसर हैं।
जो लोग यह अवैध खनन करा रहे हैं, उनमें कुछ प्रधान हैं तो कुछ क्षेत्र पंचायत सदस्य सरीखे पदों पर हैं। भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री चाहे इस अवैध खनन को लेकर कुछ भी सफाई दें या ना दें लेकिन तस्वीरें और वीडियो से बड़ा तर्क सच्चाई को साबित करने के लिए और कुछ नहीं हो सकता।
यह तस्वीर सिर्फ कुछ ही मिनट की है, जहां पर चुपके से बेहद गोपनीयता और पहचान बदलकर रिकॉर्डिंग की गई है, अन्यथा खनन माफिया तो अवैध खनन के रास्ते में आड़े आने वाले वनाधिकारियों और पुलिसकर्मियों को भी नहीं छोड़ते।
वन विकास निगम के डोईवाला खनन इंचार्ज आई एस नेगी कहते हैं कि उनके संज्ञान में मुख्यमंत्री के क्षेत्र में अवैध खनन का कोई भी मामला नहीं है। सब जगह खनन के नियमों का पालन किया जा रहा है।
SDM डोईवाला कुसुम चौहान तो लगता है कि किसी और ही दुनिया में है वह कहती है कि CM की विधानसभा में तो खनन पर रोक लगी है जब उन्हें बताया गया कि पर्वतजन के पास इसके वीडियो और स्टील फुटेज हैं तो SDM चौहान ने चुप्पी साध ली।
यदि मुख्यमंत्री यह कहें कि उन्हें इसका संज्ञान नहीं है तो इसका मतलब यह है कि या तो उनके ओएसडी, पीआरओ, कार्यकर्ता, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी इतने नकारा हैं या फिर उन्होंने सीएम को वाकई अंधेरे मे रखा हुआ है।
जिन सड़कों पर अवैध खनिज सामग्री ले जाते हुए यह वाहन धड़धड़ाते हुए जाते हैं, उस पूरे क्षेत्र की जनता में मुख्यमंत्री के प्रति इस अंधेरगर्दी को लेकर बेहद गुस्सा पनप रहा है।