विनोद कोठियाल
रायपुर से थानों मार्ग पर रायपुर से मात्र 3 कि. मी. आगे सौड़ा सरौली गांव में सुबह 5 बजे से पुल के नीचे जेसीबी मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि आजकल बरसात के सीजन के कारण खनन पर रोक लगी हुई है इसलिए वैध है या अवैध सभी तरह का खनन सख्ती से बंद होना ही चाहिए किंतु मुख्यमंत्री की ही विधानसभा में यह अवैध खनन जाहिर है कि मुख्यमंत्री का क्षेत्र देख रहे उनके सलाहकारों की भी मिलीभगत से हो रहा है। वरना ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि अवैध खनन करने के लिए खनन माफिया को मुख्यमंत्री की विधानसभा ही माकूल नजर आती।
इससे पुल को खतरा पैदा हो गया है। यह सब थाना रायपुर व वन विभाग की मिली भगत से हो रहा है। जबकि यह खुद मुख्यमंत्री की विधान सभा का क्षेत्र है। रोज सुबह यहां दो जेसीबी व चार ट्रक व टेक्टरों द्वारा बजरी निकालकर प्लाट में जमा की जाती है, तथा दिन भर प्लाट से भरकर गाड़ियां रायपुर में बेची जाती है। यह सौड़ा सरौली संकरु खाला का पुल है।
CM की विधानसभा के इस इलाके में तो अवैध खनन के लिए काट डाले सैकड़ों पेड़
यही हाल डोईवाला मे खत्ता और धर्मचक का भी है। रात को नदी से उप खनिज ला कर प्लाट मे एकत्रित कर दिन भर निकासी की जा रही है। इस खनन के अवैध धन्धे में सी एम के नजदीकी का हाथ होने के कारण खनन विभाग स्टाक वेरिफिकेशन की भी हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
खनन माफियाओं का हौसला इतना बुलन्द है कि प्लाट से नदी में जाने वाले रास्ते मे लगभग सौ से ऊपर शीशम के पेड़ों को काटा गया है। वन विभाग भी इस मुद्दे पर मौन बना है।
सभी को पता है कि मुख्यमंत्री की विधान सभा होने के कारण सभी छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों को काला चश्मा पहनने के आदेश दे दिये गये हैं।
अब सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री की ही विधानसभा मे ही अवैध कार्य होने है तो अन्य जगह से क्या उम्मीद की जा सकती है ! क्या यही है डबल इंजन सरकार।