सतपाल महाराज अब सरकार ही नहीं, अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों से भी हैं नाराज
महाराज के पास जाने वाले मंत्रियों-विधायकों के बीच बढ़ी और खाई
गजेंद्र रावत//
उत्तराखंड सरकार बनने के पहले दिन से ही नाखुश दिख रहे या दिखाने की कोशिश कर रहे सूबे के पर्यटन मंत्री की नाखुशी और बढ़ गई है। अभी तक हुई कैबिनेट की बैठकों में सर्वाधिक अनुपस्थित रहने वाले सतपाल महाराज अब सरकार ही नहीं, अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों से भी नाराज हैं।
विधानसभा चुनाव २०१७ की प्रचार सामग्री में स्थान पाने में कामयाब रहे सतपाल महाराज कई बार मंत्री बनने के बाद अपनी नाराजगी जगजाहिर कर चुके हैं। नाराजगी दिखाने के लिए ही उन्होंने कई कैबिनेट बैठकों के अलावा सूबे में सरकार आने के बाद देहरादून में आयोजित प्रशिक्षण एवं प्रदेश कार्य समिति की बैठक से भी दूरी बनाए रखी। हालांकि वे अपने समर्थकों से देहरादून में इस दौरान अपने होर्डिंग्स लगवाना नहीं भूले, किंतु उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों, विधायकों द्वारा लगातार उनके छोटे भाई भोले महाराज के हंस फाउंडेशन से नजदीकियां सतपाल महाराज को रास नहीं आ रही है।
उच्च शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार धन के उस बयान के बाद तो तल्खियां और बढ़ी हैं, जब से धन सिंह रावत ने बताया कि हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को मदद करने के लिए सरकार को कई करोड़ रुपए देने जा रहा है। इस बीच उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों, विधायओं व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हंस फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री निवास से कई नई एंबुलेंस पर्वतीय क्षेत्रों के लिए नि:शुल्क भेंट करने को हरी झंडी दिखाकर महाराज को और कुपित कर दिया।
३० जुलाई २०१७ को देहरादून में आयोजित भोलेजी महाराज के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, हरीश रावत, सत्ता पक्ष और विपक्ष के लगभग सभी विधायक पहुंचे और उन्होंने भोलेजी महाराज की लंबी उम्र की कामना की। जन्मदिन के अवसर पर भी भोलेजी महाराज ने तीन और गाडिय़ां भेंट कर स्पष्ट कर दिया कि वो सूबे के गरीब-गुरबों के लिए हर पल तत्पर हैं।
इस कार्यक्रम में जाने वाले तमाम लोगों पर महाराज समर्थकों की पैनी नजर रही और उस वक्त विदेश यात्रा पर गए महाराज को खबरों के साथ-साथ जन्मदिन में बधाई देने वालों के फोटो भी भेजे जाते रहे।
सतपाल महाराज के लिए भोले महाराज का यह जन्मदिन एक प्रकार से चिढ़ाने वाला साबित हुआ। महाराज पहले से ही हंस फाउंडेशन को सरकार द्वारा सम्मान दिए जाने से नाराज रहे हैं, किंतु हंस फाउंडेशन के काम ही ऐसे हैं कि सरकारें उन्हें सर आंखों पर बिठाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। आखिरकार निस्वार्थ भाव से प्रदेश के लाखों बीमारों, गरीबों व असहाय लोगों पर करोड़ों न्यौछावर करने वाले लोगों का सम्मान नहीं होगा तो किसका होगा? देखना है कि भोले महाराज का जन्मदिन मनाने वालों का अब सतपाल महाराज क्या इलाज करते हैं!