प्रदेश में कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या संक्रामक होने लगी है। बुधवार की रात्रि टिहरी जिले के एक और किसान राज कुमार ने आत्महत्या कर ली। कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या का यह छठा मामला है, किंतु प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मृतक किसान के परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचा। भाजपा भी जहां इस मामले को दबाने की कोशिश में लगी है, वहीं यह मुद्दा कांग्रेस ने लपक लिया।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के निर्देश पर कांगेस की एक टीम ने प्रदेश प्रवक्ता शान्ति प्रसाद भट्ट के नेतृत्व (साबसिंह सजवाण, नरेन्द्र चंद रमोला, राजेश्वर बडोनी) में ग्राम स्वाडी पट्टी बमुन्ड चम्बा टिहरी के मृतक किसान राजकुमार के घर जाकर उनके परिवार और नादान बच्चों को ढांढस बंधाया। राजकुमार की पत्नी रोशनी देवी और 7 बच्चे क्रमश अजय, उदयवीर, जसपाल, आरती, आशा, सरिता व अनिता के पालन-पोषण के लिए कोई नहीं है।
राजकुमार की पत्नी के इस टीम को बताया कि मेरे पति पर जिला सहकारी बैंक और उत्तरांचल ग्रामीण बैंक का कर्ज था। बैंक वाले चार बार घर पर आ गये थे और कर्ज वापसी के लिए दबाव बना रहे थे। बैंक ने उन्हें एक समय सीमा दी थी, जो एक-दो दिन बाद खत्म हो रही थी। इसी दबाव में उनके पति राजकुमार ने कीटनाशक पदार्थ पी लिया।
उल्लेखनीय है कि राजकूमार की एक कच्ची झोपड़ी है, जिसे पक्का करने के लिए आगे काम स्वमं राजकूमार कर रहा था। दुखद यह है कि शासन-प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा राजकुमार के घर नहीं आया। राजकुमार की माली हालत ऐसी थी कि ग्रामीणों ने चंदा एकत्र किया, तब जाकर उनका अंतिम संस्कार किया जा सका।