एम.ए. गणपति को केंद्र से बुलावा आ जाने से सूबे की सरकार द्वारा आनन फानन में फैसला लिया गया। उत्तराखंड मूल के 1987 बैच के अनिल रतूडी को नया डीजीपी बनाया जाएगा किंतु इसमें अभी एक माह का इंतजार करना पड़ सकता है ।
कारण यह है कि एक तो श्री रतूडी अभी पारिवारिक कारणों से अवकाश पर हैं ।दूसरा प्रदेश में इस समय संवेदनशील कांवड़ मेला चल रहा है । नये डीजीपी को नये सिरे से तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण है । एक समीकरण यह भी है कि यदि गणपति को केंद्र के दबाव में तत्काल रिलीव करना पड़ा तो रतूडी के बाहर रहनेकी दशा मे अशोक कुमार को कार्यवाहक डीजीपी का जिम्मा दिया जा सकता है ।
1 मार्च 1964 को जन्मे देश के दूसरे सबसे कम उम्र में आईपीएस बने 1986 बैच के एम ए गणपति को केंद्र सरकार ने CISF में ADG पद पर नियुक्ति किया ,लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उत्तराखंड लौटे गणपति देश के सबसे काम उम्र में DGP बनने वाले पहले अधिकारी है 2001 में सीबीआई में रहते हुए क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले को उजागर कर क्रिकेट जगत मे तहलका मचा दिया था। उत्तराखंड आने से पूर्व भी वह केंद्र में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके है । ईमानदार छवि और कार्यकुशलता के बदोलत ही जब केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में रहे अधिकारियों को वापस उनके काडर प्रदेशों में भेजा जा रहा था तब नरेंद्र मोदी सरकार ने गृह मंत्रालय के अंतर्गत नक्सलाइट विभाग में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर गणपति को केंद्र में ही रोक लिया था। उत्तराखंड पुलिस में डीजीपी रहते हुए गणपति ने विभाग में फैली गुटबाजी और ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल को काफी हद तक मुख्यालय में ख़त्म करने का कार्य किया और जिलों की पोस्टिंग के लिए नेताओं की परिक्रमा करने वाले युवा आईपीएस अधिकारियों को मीटिंग के दौरान भी डांट लगाने में कभी झिझके नहीं , अपनी इन्ही कार्यकुशलताओं के कारण सहयोगियों के बीच कर्तव्य निष्ठा की मिशाल पेश करने वाले गणपति का सर्विस में लगभग 8 वर्ष का कार्यकाल अभी शेष है
वहीँ उनसे एक वर्ष जूनियर 1987 बैच के अनिल रतूड़ी पर भरोसा जताते हुए सूबे की सरकार उन्हें प्रदेश पुलिस का 10 वां डीजीपी नियुक्त करने जा रही है।
वर्तमान में रतूड़ी राज्य के सतर्कता विभाग में डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हैं। गणपति की भांति ही रतूडी की छवि ईमानदार और तेजतर्रार पुलिस अधिकारी की रही है श्री अनिल रतूड़ी की पत्नी राधा रतूडी भी उत्तराखंड शासन में प्रमुख सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। अखिल भारतीय पुलिस सेवा में अनिल रतूड़ी का लगभग 3 वर्ष कार्यकाल अभी शेष है। गणपति के जाने से उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में भारी बदलाव के संकेत दिखाई देने लगे हैं ।