गणेश पाठक
सरकार पर बरसे भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का गुस्सा अभी संभला भी नहीं है कि विख्यात फिल्म कलाकार हेमंत पांडे ने मुख्यमंत्री पर तल्ख टिप्पणियां कर दी हैं।
हेमंत पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह चाटुकारों से घिरकर फैसले लेने लगे हैं। “यह राज्य एवं भाजपा दोनों के लिए ठीक नहीं है।”
हेमंत पांडे फिल्म विकास परिषद को भंग किए जाने से नाराज हैं। हेमंत पांडे इस बात पर नाराज हैं कि मुख्यमंत्री ने फिल्म विकास परिषद को बंद करने के पीछे कारण बताया था कि अभी तक परिषद ने कुछ नहीं किया है।
ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री को किसी सलाहकार ने फिल्म विकास परिषद को भंग करने की सलाह अपने स्वार्थ स्वार्थवश दी है। क्योंकि फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष तो स्वयं मुख्यमंत्री होते हैं, जबकि दो उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के ही सदस्य थे। इनमें एक बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे हैं तो दूसरे उपाध्यक्ष जय श्री कृष्ण नौटियाल भी भाजपा के नेता थे।
मजेदार बात यह है कि श्री नौटियाल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा के ही निवासी हैं। ऐसे में इस परिषद को भंग करने का कोई राजनैतिक कारण भी नहीं बनता था। त्रिवेंद्र सरकार में ही इसकी 5 बैठकें हुई लेकिन एक भी बैठक में मुख्यमंत्री नहीं आए और ना ही पूरे 1 साल तक इस परिषद को एक भी पैसा रिलीज किया गया तो फिर काम न करने का ठीकरा परिषद पर ही फोड़ना किसी भी लिहाज से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
इस परिषद को भंग करने की सलाह चाहे जिसने भी दी हो किंतु इससे जनता में सही संदेश नहीं गया है।
हालांकि फिल्म विकास परिषद के अधिकांश सदस्यों ने इस तोहमत के बाद भी इसलिए चुप्पी साध ली क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि वह दोबारा से फिल्म विकास परिषद के सदस्य नामित हो सकते हैं
CM के फैसले के विरोध में मुंह खोलने पर वह दोबारा से चुने जाने का मौका गंवा सकते हैं।लेकिन पांडे चुप न रह सके।
गौरतलब है कि हेमंत पांडे को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिल्म विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाया था, किंतु उन्होंने पहले ही अधिकृत रूप से भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी।
पांडे फिल्म विकास परिषद पर कुछ न करने की तोहमत लगाने के कारण मुख्यमंत्री से खासे नाराज थे। किंतु किसी भी मीडिया ने उनकी बात को तवज्जो नहीं दी।
हेमंत पांडे ने कहा कि जो भी व्यक्ति उनके नेतृत्व की फिल्म विकास परिषद पर सवाल उठा रहा है, वह उससे आमने-सामने सवाल करना चाहते हैं। वह “खुद हर तरह का जवाब देना चाहते हैं।”
हेमंत पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत खुद फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष हैं और वह खुद ही पिछली 5 बैठकों में से एक में भी शामिल नहीं हुए।
“फिल्म विकास परिषद असफल रही है तो इसका श्रेय खुद CM को जाता है।”
हेमंत पांडे ने कहा कि इस सरकार ने परिषद के कामकाज के लिए ₹1 का बजट आवंटित नहीं किया। बिना बजट के कोई काम नहीं हो सकता है।
पांडे ने कहा कि परिषद ने 2 साल के भीतर बगैर बजट के काम किया। बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियों को उत्तराखंड की वादियों के बारे में जानकारी दी गई। ग्लोबल प्रचार किया गया। परिषद ने पटवाडांगर में फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। पांडे ने कहा कि सीएम ने शुक्रवार को गढ़वाल के कुछ हिस्सों का नाम लिया, जबकि पटवाडांगर का नाम तक नहीं लिया। “यह भी एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है”।
उन्होंने कहा कि वह सीएम से हाथ जोड़कर गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं में फिल्मों की शूटिंग के लिए सार्वजनिक तौर पर आमंत्रण दें। इससे पूरे राज्य का भला होगा।”
हेमंत पांडे ने फिल्म की शूटिंग के लिए किसी तरह का टैक्स न लेने की सीएम की घोषणा की सराहना भी की और कहा कि सरकार को नई परिषद का गठन करना चाहिए और पूरी मदद के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। इससे ही राज्य का भला हो सकता है।फिल्म निर्माण से राज्य को काफी कुछ मिल सकता है।”उन्होंने कहा कि परिषद को भंग करने का अधिकार सरकार का है लेकिन इस तरह के आरोप गलत हैं।
क्योंकि हेमंत भाजपा विचारधारा के ही माने जाते हैं, ऐसे में परिषद के निवर्तमान उपाध्यक्ष की इस प्रतिक्रिया के बाद सीएम के इस ताजे फैसले पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कई भाजपा नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए हैं।