डबल इंजन सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा डोईवाला में वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही। मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र सिंह पंवार द्वारा सरकारी अधिकारियों का लाव-लश्कर लेकर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में डोईवाला में घूमने और पूरी विधानसभा में शुभकामनाओं वाले होर्डिंग टांगने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि मुख्यमंत्री के भाई विरेंद्र रावत ने बड़ी तेजी से डोईवाला में सक्रियता बढ़ाकर ओएसडी को ठंडा करने की कोशिश की है।
कुछ दिन पहले ओएसडी द्वारा मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में एक योजना का शिलान्यास करने वाले धीरेंद्र पंवार अब डोईवाला में भाजपा के कर्मठ नेताओं के निशाने पर हैं। जो लोग अपने प्रतिनिधि को अपनी समस्या बताना चाहते हैं, उन्हें अब धीरेंद्र पंवार के पैर छूने पड़ रहे हैं। धीरेंद्र पंवार को पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा कड़वी घुड़की भी दी गई, ताकि वे अपने पैरों को जमीन पर ही रखें।
इस बीच विरेंद्र रावत द्वारा पहले स्व. राजेंद्र शाह की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मंच पर सक्रिय होना और अब काबीना मंत्री मदन कौशिक के साथ हंस फाउंडेशन द्वारा दिए गए १८ लाख रुपए के चैक वितरित करने के बाद विरेंद्र रावत के समर्थक आश्वस्त हैं कि अब विरेंद्र रावत की ही चलेगी।
ओएसडी बनाम् मुख्यमंत्री के भाई के बीच छिड़ी ये जंग डोईवाला विधानसभा में दिन-प्रतिदिन रोचक होती जा रही है। देखना है कि मुख्यमंत्री अब अपने ओएसडी और अपने भाई के बीच में किस प्रकार समन्वय बनाकर अपनी विधानसभा के लोगों का आक्रोश शांत करने की कोशिश करते हैं।