कुमार दुष्यंत
हरिद्वार:भाजपा को असहज करने वाले भाजपा के खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के सुर भाजपा के लिए अभी भी ‘बे-सुरे’ ही हैं।उधर भाजपा की अनुशासन समिति उन्हें नोटिस थमाने की तैयारी में है।अपनी ‘जिद’ के लिए पहचाने जाने वाले चैंपियन भाजपा के अनुशासन का डंडा देखकर शांत हो जाएंगे, इसकी संभावना कम ही है।इससे लगता है कि ‘हरिद्वार के एक मंत्री’ को टारगेट करने के चैंपियन के बयान से शुरु हुआ यह बवाल अब भाजपा में विवाद का एक नया ‘ध्रुव’ पैदा करने जा रहा है।
सरकार में अपनी सुनवाई न होने पर पिछले दिनों चैंपियन ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि मुखयमंत्री हरिद्वार के एक मंत्री के दबाव में काम कर रहे हैं।हरिद्वार के मंत्री का जिक्र कर उन्होंने वास्तव में सीधे-सीधे नगर विकास मंत्री मदन कौशिक पर ही उंगली उठाई है।मदन कौशिक हरिद्वार से न केवल अकेले मंत्री हैं।बल्कि वह शासन के प्रवक्ता होने के कारण सूबे के सबसे दमदार मंत्री भी हैं।चैंपियन की पीड़ा ये है कि उनकी ना के बावजूद जिला पंचायत की संचालन समिति में शहजाद के भाई अब्दुल सत्तार को शामिल किया गया।पूर्व विधायक शहजाद का दूध का बड़ा कारोबार है। मावा कारोबार से जुडे होने के कारण नगर विकास मंत्री मदन कौशिक से उनका पुराना कारोबारी रिश्ता है।
संभवत चैंपियन को लगता है कि इस निकटता के कारण ही संचालन समिति में उनकी राय को दरकिनार कर दिया गया।चैंपियन को यह भी मलाल है कि मदन कौशिक की भांति वह भी हरिद्वार जिले से लगातार चौथी बार विधायक बने हैं।लेकिन पुराने भाजपाई मदन कौशिक के सापेक्ष उनकी इस योग्यता को सरकार में अनदेखा किया जा रहा है।चैंपियन कई बार इसका उल्लेख कर मंत्रीमंडल की खाली सीटों पर भी अपनी दावेदारी जता चुके हैं।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से शिकायत व ‘कोई मंत्री हो चैंपियन शेर है और शेर ही रहेगा’, कहकर चैंपियन ने सोचे-समझे तरीके से अपनी नाराजगी जगजाहिर की है।उनकी यह नाराजगी सत्ता के गुट विशेष से नाराज लोगों को ध्रुवीकृत कर भाजपा व सरकार के लिए नई समस्या खड़ी कर सकती है।