फेसबुक पर अंट-शंट लिखने के बजाय बच्चों को पढ़ाने में लगाएं ध्यान
पिछले दिनों मई माह में फेसबुक पर कांग्रेस पार्टी के लिए अनाप-शनाप लिखना एक बड़बोले गुरूजी को इतना महंगा पड़ा कि वह शर्मनाक हद तक गिड़गिड़ाने लगे। अब ऐसा भी क्या गुरूजी, बच्चों के भविष्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई है तो कुछ तो ख्याल रखिए। पहले तो लिखते मत, लिखते तो फिर झुकते मत। झुकते तो कम से कम इतना तो नहीं झुकते कि रीढ़ की हड्डी ही गायब हो जाए।
हुआ यह कि राजकीय इंटर कालेज पोखरी के जीव विज्ञान के प्रवक्ता गणेश ध्यानी कांग्रेस की सरकार जाने के बाद संभवत: इतने खुश हो गए कि उन्होंने फेसबुक पर ही लिख मारा कि आज के दिनांक में मां-बहिन की गाली से बड़ी गाली है किसी को कांग्रेसी कहना। ओ कांग्रेसी। यह टिप्पणी गुरूजी ने २९ मई को रात 9:19 बजे की थी।
ध्या
नी गुरूजी किस ध्यान में रहे होंगे, आप समझ सकते हैं। यह टिप्पणी कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज रतूड़ी को चुभ गई। उन्होंने गुरूजी के खिलाफ टिहरी के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए पत्र लिख दिया। कार्यवाही हुई तो गुरूजी पंकज रतूड़ी को ढूंढते हुए टिहरी पहुंचे और माफीनामा देते हुए शिकायत वापस लेने का आग्रह करने लगे। गुरूजी ने गहरा खेद किस तरह से व्यक्त किया, यहां दिए गए पत्र की कॉपी पर पढ़ सकते हैं।
बहरहाल, यह गुरूजी भले ही बच जाएं, लेकिन यह कार्यवाही ध्यानी जैसे गुरुजनों के लिए एक सीख है कि फेसबुक पर अंट-शंट लिखने के बजाय बच्चों को पढ़ाने में ध्यान लगाएं।