टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड का हाईस्कूल साटागाड़ अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है।
मुकेश रावत
वर्ष 2013 की भीषण आपदा में विद्यालय का भवन तबाह हो गया था। आपदा के 4 साल बाद भी इस स्कूल की हालत बद से भी बदत्तर है। आपदा के बाद से इस स्कूल को पास के बांशी गांव में चलाया जा रहा है।
प्रधानाचार्य सुरवीर सिंह नेगी ने बताया कि 71 छात्र संख्या वाले इस स्कूल में कक्षा 9 व 10 की कक्षाएं संचालित की जाती है। किंतु भवन न होने के कारण यह कक्षाएं जूनियर स्कूल के भवन में जूनियर के बच्चों के साथ चलाई जा रही हैं ।जिस कारण छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नही अंग्रेजी विषय होने के बावजूद इस स्कूल में अंग्रेजी विषय का कोई अध्यापक नहीं है। और कुछ ही समय बाद स्कूल की परीक्षा होनी है। इसको देखते हुए एक सप्ताह के लिए किसी अन्य स्कूल से अंग्रेजी विषय के अध्यापक की व्यवस्था की गयी है। किंतु सवाल यह है कि क्या एक सप्ताह में बच्चे अंग्रेजी विषय में कुछ सीख पाएंगे !
जहां देश “जब पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया” की बात कर रहा है, वहां यह स्कूल लाचार शिक्षा महकमे की पोल भी खोल रहा है।
स्कूल में टाट-पट्टी, दरी तक नहीं है। बच्चे जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। जिला पंचायत द्वारा निर्मित टीन शेड में जूनियर कक्षाओं के साथ हाई स्कूल की यह कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
शिक्षा महकमे के लिए बड़े-बड़े दावे प्रस्तुत करने वाला शासन प्रशासन अपनी हकीकत इस हाई स्कूल में देख सकता है।