मीडिया भी दौड़ पड़ता है उनके पीछे-पीछे
कुमार दुष्यंत/हरिद्वार
हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत बहुत सक्रिय अधिकारी माने जाते हैं। वह जहां भी रहें, अपनी छाप छोड़ जाते हैं। हरिद्वार जिले का उन्हें जबसे चार्ज मिला है। वह तभी से यहां की समस्याओं को लेकर भागे फिर रहे हैं। कभी गंदगी तो कभी अतिक्रमण, कभी पालिथीन तो कभी गंगा प्रदूषण। वह हर जगह व्यवस्था सुधारने के लिए जूझ रहे हैं। कभी वह एक्सपायरी दवाओं को ढूंढने के लिए मेडिकल स्टोर में घुस जाते हैं तो कभी पानी की बर्बादी रोकने के लिए किसी टॉयलेट में! मीडिया फ्रेंडली हैं तो स्वभाविक है कि मीडिया भी उनके पीछे-पीछे दौड़ पड़ता है, लेकिन इसे तंत्र की ढिलाई कहें कि डीएम साहब की कि उनकी भागादौड़ी का कोई असर प्रशासन की सेहत पर नहीं दिख रहा। वह भागे फिर रहे हैं और लोग बस उन्हें भागते-दौड़ते देख रहे हैं!
डीएम साहब ने जब हरिद्वार का चार्ज संभाला तो सबसे पहले फोरलेन निर्माण का सुस्त चाल से काम कर रही ईरा कंपनी के पेंच कसे, लेकिन ये कंपनी आज भी अपनी ही गति से काम कर रही है। वर्षा ऋतु के कारण खनन बंद है, लेकिन चोरी-छिपे जारी है। डीएम साहब एक जगह छापा मारते हैं तो दूसरी जगह चालू हो जाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति अतिक्रमण, पालिथीन बिक्री, जाम की समस्या व गंगा प्रदूषण की भी ही है।
डीएम साहब ने पिछले दिनों राजनीतिक मिलीभगत से जिला पंचायत की दुकानों को तीन लाख में खरीदकर पंद्रह-पंद्रह लाख में बेचने का मामला उजागर किया था। होना यह चाहिए था कि करोड़ों के इस खेल में दुकानें सील कर दी जाती, लेकिन यह मामला जस का तस है। पिछले दिनों रुड़की के संयुक्त चिकित्सालय में डीएम ने कुछ कर्मियों को अनुपस्थित पाए जाने पर उन्हें स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे, लेकिन यह कर्मी अपनी जगह मुस्तैद हैं। रुड़की में ही दो मेडिकल स्टोर्स पर छापा मारकर डीएम ने एक्सपायरी दवाएं बिकती पाए जाने पर इन स्टोर्स के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की थी, लेकिन यह मेडिकल स्टोर्स आज भी खुले हैं!
हरिद्वार के जीरो जोन क्षेत्र में सारे नियम-कानूनों को धता बताते हुए एचआरडीए की मिलीभगत से सावित्री निवास को उजाड़कर बनाए जा रहे विशाल व्यवसायिक भवन का मामला भी चार्ज संभालते ही डीएम साहब के संज्ञान में लाया गया था। पिछले तीन महीने में एक दिन भी इस बिल्डिंग में काम नहीं रुका और अब यह ओपनिंग को तैयार है!
इन हालात में जनता बेचारी मायूस है कि जब इतना तेज-तर्रार डीएम भी तंत्र के आगे फेल हो रहा है तो फिर आगे तो भगवान ही मालिक है!